तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को एक टीवी चैनल से बात करते वक्त मां काली को मांस खाने वाली और शराब स्वीकार करने वाली देवी बताया। उन्होंने कहा कि वह देवी काली को इसी रूप में देखती हैं। दरअसल कनाडा के एक फिल्ममेकर की फिल्म के पोस्टर को लेकर उठे विवाद को लेकर टीएमसी सांसद ने यह बात कही। महुआ ने डायरेक्टर लीना मणिमेकलई का बचाव किया। उन्होंने कहा कि हर किसी को देवी-देवताओं को अपने ढंग से मानने और पूजा करने का अधिकार है।
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बता दें कि जिस पोस्टर को लेकर विवाद शुरू हुआ उसमें मां काली को स्मोकिंग करते हुए दिखाया गया है। इसी पोस्टर में काली के हाथ में एक रेनबो फ्लैग है जो कि दुनियाभर में लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर और क्वीर प्राइड के लिए जाना जाता है। इंटरव्यू के दौरान महुआ मोइत्रा ने नूपुर शर्मा के बयान को लेकर कहा कि वह आलोचना की पक्षधर हैं लेकिन हिंसा भड़काने की नहीं।
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मोइत्रा ने कहा, आप जिस तरह चाहें अपने भगवान की कल्पना कर सकते हैं। मेरे लिए मां काली मांस खाने वाली और शराब स्वीकार करने वाली देवी हैं। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर भगवान को विस्की चढ़ाई जाती है वहीं कई अन्य जगहों पर इसे ईशनिंदा भी माना जा सकता है। बता दें कि पोस्टर पर विवाद शुरू होनें के बाद टोरंटो में भारतीय उच्चायुक्त ने इस पोस्टर को हटाने को कहा है।
टीएमसी सांसद ने सिक्किम और भूटान का जिक्र करके कहा कि यहां देवी देवताओं को शराब चढ़ाई जाती है। यूपी और अन्य जगहों पर शराब को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। उन्होंने कहा कि तारापीठ के आसपास बहुत सारे साधु-संत धूम्रपान करते हुए दिखते हैं। हो सकता है कि वे काली देवी की उसी रूप में पूजा करते हों।
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सोमवार को यूपी में मणिमेकाली के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। उनपर हिंसा भड़काने का प्रयास आर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने भी एक केस दर्ज किया है।