26 C
Mumbai
Friday, November 22, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

रेप मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति दोषी क़रार, 12 नवंबर को होगा सजा का एलान

चित्रकूट गैंगरेप मामले में सपा सरकार में मंत्री रह चुके गायत्री प्रसाद प्रजापति को दोषी करार दिया गया है. गायत्री प्रसाद प्रजापति के अलावा आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी भी दोषी पाए गए हैं. इन सभी पर चित्रकूट की एक महिला ने अपनी बेटी से गैंगरेप का ये आरोप लगाया था.

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें

तीनों लोग गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में दोषी पाए गए हैं. 12 नवंबर को कोर्ट उनकी सजा का ऐलान करेगा. वहीं इस मामले में विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, चंद्रपाल, रूपेश्वर उर्फ रूपेश बरी कर दिए गए हैं.

4 सालों तक कोर्ट में चले इस केस में अभियोजन की तरफ से 17 गवाह पेश किए गए. जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी की मानें तो गायत्री प्रजापति ने कानूनी पेचीदगियों में कई बार केस को उलझाने की, लंबा खींचने की भी कोशिश की. लेकिन आखिर में कोर्ट ने अभियोजन की तरफ से दी गई दलील, पेश किए गए 17 गवाह और पुलिस की चार्जशीट के आधार पर गायत्री प्रजापति को दोषी करार दिया.

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

18 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में सपा सरकार के खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सात लोगों पर गैंगरेप, जान से मारने की धमकी, व पॉक्सो एक्ट की धाराओं में केस दर्ज हुआ था. 3 जून 2017 को इस मामले के विवेचक के 824 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी.

समाजवादी सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति और छह अन्य लोगों पर चित्रकूट की एक महिला ने अपनी नाबालिग बेटी संग गैंगरेप का आरोप लगाया था. महिला का कहना था कि वह मंत्री गायत्री प्रजापति से मिलने उनके आवास पर पहुंची थी. जिसके बाद मंत्री और उनके साथियों ने उसको नशा दे दिया और नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. जब महिला ने इस मामले में शिकायत की बात कही तो गायत्री प्रजापति और उनके गुर्गों ने पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी.

‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

पीड़िता को इस मामले में एफआईआर करवाने के लिए के लिए सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाना पड़ा था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद गायत्री प्रजापति के खिलाफ गौतमपल्ली में एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद गायत्री प्रजापति और अन्य आरोपियों के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने आलमबाग इलाके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here