25 C
Mumbai
Friday, November 22, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

वीजा रैकेट मामले में बड़ा खुलासा, नौसेना अधिकारी है सरगना; कोर्ट ने बढ़ाई आरोपियों की हिरासत

भारतीय नौसेना के गिरफ्तार दो अधिकारियों को लेकर मुंबई की अपराध शाखा ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने आरोपियों के रिमांड की मांग करते हुए कोर्ट को बताया कि दोनों अधिकारी वीजा रैकेट के सरगना है। इस मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने लेफ्टिनेंट कमांडर विपिन कुमार डागर और सब लेफ्टिनेंट ब्रह्म ज्योति की हिरासत 9 जुलाई तक बढ़ा दी है।

मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने दावा किया है कि दोनों अधिकारी कथित तौर पर एक समूह का हिस्सा थे, जो दक्षिण कोरिया में अवैध तरीके से काम करने के इच्छुक भारतीयों को वीजा दिलाने में मदद करता था। इस मामले में पुलिस टीम ने नौसेना के दो अधिकारियों के अलावा, सिमरन तेजी, रवि कुमार और दीपक मेहरा उर्फ डोगरा गिरफ्तार आरोपी हैं। सभी पांचों को उनकी मौजूदा हिरासत खत्म होने के बाद अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी विनोद पाटिल के समक्ष पेश किया गया था।

इस दौरान पुलिस ने रिमांड बढ़ाने की मांग करते हुए, अदालत को बताया कि दो नौसेना कर्मी इस रैकेट के सरगना थे। विपिन डागर और ब्रह्म ज्योति ने विशाखापत्तनम में तैनाती के दौरान वहां से एक स्टाम्प बनाने की मशीन खरीदी थी और इसका इस्तेमाल वीजा आवेदनों के लिए आवश्यक जाली दस्तावेज बनाने में किया था। वहीं रिमांड याचिका में कहा गया है कि आरोपियों ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके लोगों को दक्षिण कोरिया के अलावा अन्य देशों में भी भेजा था, जिसके जरिए उनके बैंक खातों में पैसे आते थे।

आरोपियों के वकील ने दी कई दलीलें
इस सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा कि उन्हें एक-दूसरे से आमना-सामना कराने के लिए चार दिन और हिरासत और चाहिए। वहीं आरोपी डागर की ओर से पेश वकील रवि जाधव ने इसका विरोध करते हुए तर्क दिया कि उन्हें झूठे केस में फंसाया गया है और उनके खिलाफ कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है। जबकि ब्रह्म ज्योति के वकील रोहन सोनवणे ने कहा कि पुलिस के पास उनसे पूछताछ के लिए पर्याप्त समय था क्योंकि वो दोनों पांच दिनों से उनकी हिरासत में थे। वकील ने कहा कि पुलिस ने पहले ही एक मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड, पेन ड्राइव, कई डेबिट कार्ड और अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए हैं और आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत की जरूरत नहीं है। 

तीन आरोपी 4 दिन, दो आरोपी 14 दिन की हिरासत में
उधर आरोपी दीपक मेहरा की ओर से पेश हुए वकील अजय दुबे ने कहा कि वो केवल एक एजेंट थे जिन्होंने पासपोर्ट भेजे और वीजा धोखाधड़ी में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। इस मामले में कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद विपिन डागर, ब्रह्म ज्योति और दीपक मेहरा की पुलिस हिरासत 9 जुलाई तक बढ़ा दी, जबकि सिमरन तेजी और रवि कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस के अनुसार, ये गिरोह पिछले एक साल में कम से कम समय में आठ लोगों को दक्षिण कोरिया भेजने में कामयाब रहा, लेकिन उनमें से दो को वापस भारत भेज दिया गया है।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here