शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत को मनी लॉन्डरिंग मामले में जेल जाना पड़ा था, अभी वो ज़मानत पर बाहर आये हुए हैं, बाहर आकर उन्होंने जेल की यातनाओं को मिडिया से शेयर किया है. संजय राउत ने आरोप लगाया है कि जेल में उन्हें अण्डा सेल में रखा गया है.
शिवसेना नेता ने कहाकी जेल में उनका एक-एक घंटा सौ दिन का लगता है. 15 दिन तक उन्होंने सूरज की रौशनी नहीं देखी इसलिए बीमार हो गया. राउत ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में MVA सरकार बनी तो कुछ लोगों को यह अच्छा नहीं लगा. इसके बाद वहां सरकार गिराने की हर कोशिश की जाती है. हमारे खिलाफ जांच एजेंसी का मिसयूज किया जाता है. हमारे कई लोग तोड़े गए, क्यों और कैसे यह सबको मालूम है. शिवसेना नेता ने कहा, “इस बारे में मैंने राज्यसभा के तत्कालीन चेयरमैन और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र लिखा था और इसकी जानकारी दी थी.
राउत ने आगे कहा कि अगर मैं चुप बैठता तो जेल नहीं भेजा जाता. देश में हर राज्य में ऐसा होता रहा जो यह देश टूट जाएगा. उन्होंने कहा कि आज डर के मारे उद्योग, उद्योगपति और कारोबारी देश छोड़कर जा रहे हैं. उन्होंने सवालिया लहजे में उन्होंने कहा कि हमारे देश में रहने पर लोगों के मन में डर क्यों पैदा हो रहा?
कोर्ट के जजमेंट को किस तरह से देखने के सवाल पर राउत ने कहा कि निचली कोर्ट से बेल नहीं मिली बाद में बेल देते हुए कोर्ट ने अवैध गिरफ्तारी जैसे शब्द का प्रयोग किया, राउत ने कहा, “कोर्ट का फैसला मेरे खिलाफ भी होता तो मैं इसका सम्मान करता. इस देश में न्याय व्यवस्था को आदर देना चाहिए. अगर यह दबाव में काम करेगी तो देश में सत्य मर जाएगा.
अंडा सेल में क्यों रखा गया इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ताकि लोगों से कम्युनिकेशन न हो, ज्यादा से ज्यादा यातना हो और आप घुटनों पर आए. उन्होंने कहा, “मेरा वजन 10 किलो कम हो गया है. रातभर फ्लड लाइट जलने का परिणाम मेरी आंखों पर भी हुआ है सुनने में तकलीफ हो रही है. बता दें कि संजय राउत महाविकास अघाड़ी के तीसरे नेता रहे जिन्हें जेल जाना पड़ा. दो अन्य नेता अनिल देशमुख और नवाब मलिक अभी जेल में हैं.