30 C
Mumbai
Thursday, November 21, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

सस्पेंस हेमंत सोरेन की कुर्सी पर बरकार, दिल्ली में मिल सकते हैं अमित शाह से गवर्नर; कांग्रेस बोली- अनुशंसा क्यों नहीं सार्वजनिक कर रहे ?

कांग्रेस ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने अपनी रिपोर्ट दी, लेकिन राज्यपाल खुद दिल्ली जाकर बैठे हैं। अगर मुख्यमंत्री की सदस्यता खत्म करने की अनुशंसा है तो फिर क्यों नहीं उसे सार्वजनिक किया जा रहा है?

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर राज्यपाल क्या फैसला लेंगे? अभी इसपर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। राज्यपाल रमेश बैस निजी कारणों से अभी दिल्ली में है। दो सितंबर को उनके दिल्ली जाने के बाद इसके राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। दिल्ली दौरे के क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी उनकी मुलाकात हो सकती है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि रांची लौटने के बाद राज्यपाल चुनाव आयोग के मंतव्य के आधार पर अपना फैसला ले सकते हैं। दो दिनों के अंदर राज्यपाल के रांची आने की भी संभावना है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम खनन लीज मामले में आने के बाद इस पूरे मसले पर सुनवाई कर भारत निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त को अपना मंतव्य राज्यपाल को सौंप दिया है। अब राज्यपाल को अपना फैसला लेना है। राज्यपाल अपना फैसला चुनाव आयोग को भेजेंगे। आयोग मुख्यमंत्री की सदस्यता के आधार पर अधिसूचना जारी करते हुए राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजेगा। झारखंड विधानसभा को भी जानकारी दी जाएगी। 

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

राज्यपाल से एक सितंबर को राजभवन में भेंट कर यूपीए महागठबंधन के प्रतिनिधिनमंडल ने हेमंत सोरेन के मामले में जल्द स्थिति स्पष्ट करने की मांग रखी थी। इसी दिन राजभवन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति  में कहा गया है कि राज्यपाल जल्द समुचित कार्रवाई करेंगे। अगले दिन राज्यपाल को निजी कारणों से दिल्ली जाना पड़ा। 

इधर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि झारखंड विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए बाद महागठबंधन अब राज्यपाल के फैसले का इंतजार कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार को अस्थिर करना चाहती है। भारत निर्वाचन आयोग ने अपनी रिपोर्ट दी, लेकिन राज्यपाल खुद दिल्ली जाकर बैठे हैं। अगर मुख्यमंत्री की सदस्यता खत्म करने की अनुशंसा है तो फिर क्यों नहीं उसे सार्वजनिक किया जा रहा है?

‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

राजेश ठाकुर ने कहा कि महागठबंधन सरकार ने न सिर्फ झारखंड विधानसभा में बहुमत साबित किया, बल्कि लोगों का विश्वास भी हासिल किया है। इसमें समय-समय पर विधायकों के टूटने की खबर आती थी, उस पर विराम लगा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडय व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ कांग्रेस की तैयार की गई रणनीति काम कर गई। 

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here