जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र शरजील इमाम को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शुक्रवार को भड़काऊ भाषण के मामले में जमानत दे दी। जमानत के लिए शरजील को 30 हजार रुपये का निजी मुचलका भी भरना पड़ा है। जमानत मिलने के बाद भी उन्हें जेल में ही रहना होगा, क्योंकि उनके खिलाफ दर्ज कई अन्य मामलों की जांच लंबित है।
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आरोप है कि शरजील इमाम ने 2019 में CAA-NRC के विरोध के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था जिसके बाद से उन्हें जेल में बंद रखा गया था। शरजील इमाम ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, गया और आसनसोल में दिसंबर 2019 में भड़काऊ भाषण दिया था।
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दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि उनके भाषण ने लोगों के बीच शत्रुता को बढ़ावा दिया और दिल्ली के जामिया मिला इस्लामिया विश्वविद्यालय और उसके आसपास दंगे भी हुए। बता दें कि शरजील जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं।
दिल्ली पुलिस ने शरजील के खिलाफ दायर चार्जशीट में कहा था कि इमाम अपने भाषणों से केंद्र सरकार के प्रति लोगों में घृणा, अवमानना और अप्रसन्नता पैदा की थी। उनके भाषण के बाद लोग भड़के थे जिसके बाद दिसंबर 2019 में जामिया में हिंसा हुई थी।
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बता दें कि आईआईटी बॉम्बे से शरजील इमाम ने बीटेक और एमटेक किया है। इसके बाद शरजील ने जेएनयू से मॉर्डन हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। शरजील मूल रूप से बिहार के जहानाबाद के रहने वाले हैं। फिलहाल, उनके माता-पिता जहानाबाद के काको इलाके में रहते हैं।