वायनाड भूस्खलन पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के बयान की केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने निंदा की है और उन्होंने सभी आरोपों को झूठा बताया हैं। सीएम विजयन ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री पर भूस्खलन में मरने वालों को अपमानित करने का भी आरोप लगाया है।
दरअसल केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने एक दिन पहले कहा था कि केरल सरकार ने राज्य के पारिस्थितिक रूप से नाजुक क्षेत्र में अवैध मानव आवास विस्तार और खनन की अनुमति दी, जिसके कारण वायनाड जिले में विनाशकारी भूस्खलन हुआ। उन्होंने मानव आवास की अनुमति देते हुए मिट्टी की स्थलाकृति, चट्टान की स्थिति, भू-आकृति विज्ञान, पर्वत ढलान और वनस्पति संरचना जैसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय कारकों की उपेक्षा करने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की थी।
वहीं इस पर केरल के उद्योग मंत्री पी. राजीव ने मंगलवार को दावा किया कि केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वैज्ञानिकों से केरल विरोधी लेख मंगवाकर वायनाड में हुए भूस्खलन के लिए राज्य की नीतियों को दोषी ठहराने की साजिश रची है। मंत्री ने आरोप लगाया कि जब किसी ने साजिश का पालन नहीं किया, जिसका खुलासा कुछ समाचार रिपोर्टों से हुआ, तो केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव खुद झूठे बयानों के साथ आगे आए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ऐसी साजिश तब रची गई जब पूरा राज्य बचाव प्रयासों में लगा हुआ था।
‘गृह मंत्री के दावे को पहले झूठा करार दिया गया’
केरल के उद्योग मंत्री ने कहा कि समाचार रिपोर्टों ने आपदा के लिए राज्य सरकार की नीतियों को दोषी ठहराने के प्रयासों को उजागर किया, जिसमें प्रेस सूचना ब्यूरो की तरफ से अप्रमाणित जानकारी वाले वैज्ञानिकों से केरल विरोधी लेख मंगवाने के कथित प्रयास शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मलयालम मीडिया ने पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कथित झूठे दावे को झूठ करार दिया है कि केरल को भूस्खलन के बारे में चेतावनी दी गई थी।
विश्व स्तरीय पुनर्वास सुनिश्चित करेंगे- सीएम
उन्होंने एक्स पर कहा कि चेतावनी देने में केंद्र की विफलता स्पष्ट है, और भविष्य में इसे छिपाने का यह प्रयास उजागर होगा। राज्य सरकार बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप वाले क्षेत्र में हुए भूस्खलन का वैज्ञानिक अध्ययन करने का प्रयास कर रही है। वहीं केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने कहा, हम वायनाड में विश्व स्तरीय पुनर्वास सुनिश्चित करेंगे। हमारा लक्ष्य एक ऐसा पुनर्वास मॉडल लागू करना है जो देश और दुनिया के लिए एक उदाहरण बन सके।