केरल में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और सरकार के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। केरल के मलप्पुरम जिले के करीपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के माध्यम से सोने की तस्करी और हवाला लेनदेन के मामले को उन्होंने राष्ट्रपति तक पहुंचाने की बात कही है। राज्यपाल ने कहा कि सोने की तस्करी के मामले को लेकर मैं राष्ट्रपति को पत्र लिख रहा हूं। पहले इस बारे में और जानकारी जुटा रहा हूं। उन्होंने सीएम पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि सोने की तस्करी राष्ट्र के खिलाफ अपराध है। मुख्यमंत्री ने राज्य में हो रही ऐसी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के बारे में उन्हें अंधेरे में रखा है। ये नियमित मामले नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कभी भी मुझे इस मुद्दे की सूचना नहीं दी। मेरे द्वारा उन्हें लिखे जाने के बाद ही उन्होंने स्पष्टीकरण दिया।
राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में सीएम ने राज्य में सोने की तस्करी की गतिविधियों का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियां राष्ट्र की सुरक्षा से संबंधित हैं, लेकिन सीएम उन्हें इस बारे में अंधेरे में रख रहे हैं। राज्यपाल ने आगे दावा किया कि मेरा कर्तव्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में कोई राष्ट्र-विरोधी गतिविधि न हो। मुझे ऐसी गतिविधियों के बारे में राष्ट्रपति को सूचित करना है।
उनका बयान मुख्यमंत्री के इस दावे के एक दिन बाद आया है कि सोने की तस्करी को रोकने की जिम्मेदारी सीमा शुल्क विभाग की है, जो केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत काम करता है, न कि राज्य सरकार की। राज्यपाल खान को संबोधित एक पत्र में विजयन ने राज्यपाल से इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने का आग्रह किया था। खान ने आरोप लगाया कि जब मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और डीजीपी को बुलाया तो उन्होंने उन्हें भेजने से इनकार कर दिया। राज्यपाल ने कहा कि वह पूरी तरह से संविधान के अनुसार काम कर रहे हैं, जबकि सरकार ऐसा करने में विफल रही है।
केरल पुलिस ने खारिज किए आरोप
केरल पुलिस ने गुरुवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के आरोपों को खारिज कर दिया। राज्यपाल खान ने कहा था कि पुलिस वेबसाइट पर मौजूद जानकारी से संकेत मिलता है कि सोने की तस्करी से प्राप्त आय का इस्तेमाल प्रतिबंधित संगठनों को वित्त पोषित करने के लिए किया जा रहा है। इस पर राज्य पुलिस मीडिया सेंटर ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि केरल पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट ने कभी भी किसी भी समय ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। मुख्य सचिव और राज्य पुलिस प्रमुख को बुलाने के राज्यपाल के फैसले को अस्वीकार करने पर राजभवन और वाम सरकार के बीच बढ़ते तनाव के बीच पुलिस ने स्पष्टीकरण जारी किया। राज्य सरकार ने कहा कि निर्वाचित सरकार को सूचित किए बिना राज्यपाल द्वारा अधिकारियों को नहीं बुलाया जा सकता है।