27 C
Mumbai
Sunday, April 2, 2023

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

"मानवाधिकर आभिव्यक्ति, आपकी आभिव्यक्ति" 100% निडर, निष्पक्ष, निर्भीक !

अमरीका आया बिलक़ीस बानों के साथ, की अदालत के फ़ैसले की निंदा

अमरीका के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने 2002 के गुजरात हिंसा के दौरान बिलक़ीस बानों का बलात्कार करने और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या करने के लिए दोषी ठहराए गए 11 लोगों की रिहाई की कड़ी निंदा की है।

आयोग के उपाध्यक्ष अब्राहम कपूर ने एक बयान में कहा कि 2002 के गुजरात दंगों के दौरान एक गर्भवती महिला के बलात्कार और मुस्लिमों की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा काट रहे 11 लोगों की जल्द और अनुचित रिहाई की यूएससीआईआरएफ़ कड़ी निंदा करता है।

आयोग के आयुक्त स्टीफन श्नेक ने कहा कि रिहाई ‘न्याय का उपहास’ है, और ‘सज़ा से मुक्ति के उस पैटर्न’ का हिस्सा है, जिसका भारत में अल्पसंख्यक विरोधी हिंसा के आरोपी लाभ उठाते हैं।

श्नेक ने कहाकि 2002 के गुजरात दंगों में शारीरिक और यौन हिंसा के अपराधियों को उनके कृत्य के लिए ज़िम्मेदार ठहराने में विफलता न्याय का मजाक़ है, यह भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा में शामिल होने वाले लोगों के लिए ‘दंड मुक्ति के पैटर्न’ का हिस्सा है।

ज्ञात रहे कि 27 फ़रवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बे में आग लगने की घटना में 59 कारसेवकों की मौत हो गई, इसके बाद पूरे गुजरात में हिंसा का बाज़ार गर्म  हो गया था। हिंसा से बचने के लिए बिलक़ीस बानो जो उस समय पांच महीने की गर्भवती थी, अपनी बच्ची और परिवार के 15 अन्य लोगों के साथ अपने गांव से भागने का प्रयास कर रही थीं जिसके दौरान 3 मार्च 2002 को दाहोद ज़िले की लिमखेड़ा तालुका में 20 से 30 लोगों की भीड़ ने बिलकीस के परिवार पर हमला कर दिया और बिलक़ीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया, जबकि उनकी बच्ची समेत परिवार के सात सदस्यों को मार डाला गया।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here