हालाँकि अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े के बाद अभी सरकार की ओर से ऐसा कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि भारत तालिबान सरकार को स्वीकार करेगा या इंकार लेकिन देश के कई राज्यों, विशेषकर भाजपा शाषित राज्यों में तालिबान पर बयानबाज़ी को लेकर कार्रवाई शुरू हो गयी है.
ताज़ा घटनाक्रम में असम पुलिस ने एक दर्जन से अधिक लोगों को तालिबान का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने शनिवार को जानकारी दी है कि ये लोग सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए तालिबानियों का समर्थन कर रहे थे।
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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तारियां शुक्रवार रात की गई हैं और उन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, आईटी अधिनियम और सीआरपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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अधिकारी ने कहा, “हम भड़काऊ पोस्ट के लिए अलर्ट पर थे और सोशल मीडिया पर निगरानी रख रहे थे।” पुलिस ने बताया कि कामरूप मेट्रोपॉलिटन, बारपेटा, धुबरी और करीमगंज जिलों से दो-दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि दरांग, कछार, हैलाकांडी, दक्षिण सलमारा, गोलपारा और होजई जिलों से एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
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उप महानिरीक्षक वायलेट बरुआ ने कहा कि असम पुलिस सोशल मीडिया पर तालिबान समर्थक टिप्पणियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई कर रही है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में कहा कि तालिबान समर्थकों को एक्सपोज़ किया जाना चाहिए। इसी कड़ी में सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क़ पर मुकदमा दर्ज होने बाद कल लखनऊ में मशहूर शायर मुनव्वर राणा के खिलाफ भी तहरीर दी जा चुकी है.