भारत-इंडिया के नाम पर छिड़ी बहस के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक जैसे संस्थानों का नाम बदला जाना चाहिए और बोले कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का नाम रिजर्व बैंक ऑफ भारत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासकों द्वारा शुरू की गई कई प्रथाएं देश में जारी हैं और उन्हें बदलने की जरूरत है।
सीएम सरमा ने कहा कि लोगों ने 75 साल तक इंतजार किया है कि एक मोदी आएगा और इस औपनिवेशिक खुमारी को जड़ से खत्म करेगा। साथ ही ‘इंडिया’ नाम के इस्तेमाल और औपनिवेशिक प्रथाओं को जारी रखने’ के स्पष्ट संदर्भ में, सीएम ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू द्वारा किए गए किसी काम के लिए पीएम मोदी को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है?
आगे, उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले फैसला सुनाया था कि इंडिया और भारत नामों का परस्पर उपयोग किया जा सकता है। चाहे वह इंडिया हो या भारत, मुझे नहीं लगता कि यह बहस का विषय है। जब अमित शाह ने संसद में भारतीय न्याय संहिता बिल रखा, किसी ने कोई आपत्ति नहीं की थी।
शशि थरूर के जिन्ना वाले बयान को लेकर कहा कि उन्होंने जो कहा वह आधा सच था। जिन्ना ने जो कहा वह महत्वपूर्ण नहीं है। हमारे लिए महत्वपूर्ण यह है कि ऋषियों और संतों का कौन सा नाम इस्तेमाल किया गया, और यह इंडिया नहीं बल्कि भारत था।
वहीं, सनातन धर्म की उत्पत्ति पर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर के सवाल पर सीएम सरमा ने कहा कि सनातन शब्द में ही इसका उत्तर है। इसका मतलब कुछ ऐसा है जिसका न कोई आरंभ है और न ही कोई अंत। यह अनंत काल से अस्तित्व में है और अनंत काल तक जारी रहेगा।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कर्नाटक जैसे बड़े राज्य के गृह मंत्री इतनी सरल बात नहीं समझ सकते, जबकि मेरे जैसा छोटे राज्य का कोई व्यक्ति इसे समझ सकता है।