विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बुधवार को रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात करेंगे । यह मुलाकात दोनों पक्षों के बीच विवादित सीमा पर गश्त करने के समझौते के मद्देनजर होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आखिरी बार औपचारिक मुलाकात अक्टूबर 2019 में ममल्लापुरम में हुई थी, जो सीमा गतिरोध शुरू होने से कुछ महीने पहले हुई थी। (एपी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आखिरी बार औपचारिक मुलाकात अक्टूबर 2019 में ममल्लापुरम में हुई थी, जो सीमा गतिरोध शुरू होने से कुछ महीने पहले हुई थी। (एपी)
सोमवार को भारतीय पक्ष द्वारा घोषित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त व्यवस्था पर समझौते ने नवंबर 2022 में बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई संक्षिप्त मुलाकात के बाद मोदी और शी के बीच पहली औपचारिक बातचीत की संभावना को बढ़ा दिया है।
मिसरी ने रूसी शहर कज़ान में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “मैं पुष्टि कर सकता हूं कि कल [बुधवार] ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी।” उन्होंने बैठक के परिणामों का विवरण देने या पूर्वावलोकन करने से इनकार कर दिया।
दोनों नेताओं के बीच आखिरी बार औपचारिक बैठक अक्टूबर 2019 में ममल्लापुरम में दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी, जो सीमा गतिरोध शुरू होने से कुछ महीने पहले हुई थी।
मामले से परिचित लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि मंगलवार को कज़ान पहुंचे मोदी और शी बुधवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दो पूर्ण सत्रों के बीच मुलाकात करेंगे।
एलएसी पर गश्त पर सहमति भारत और चीन के बीच कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ता का नतीजा थी। इसके बाद हाल के महीनों में दोनों पक्षों के वरिष्ठ नेताओं की कई बैठकें हुईं – विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 4 जुलाई को कजाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान और 25 जुलाई को लाओस में आसियान से जुड़ी बैठकों के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की, जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने 12 सितंबर को सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स से जुड़ी बैठक के दौरान वांग से मुलाकात की।