29 C
Mumbai
Thursday, April 25, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

एससी-एसटी एक्ट साबित न होने पर मिल सकती है अग्रिम जमानत – हाईकोर्ट

एससी-एसटी एक्ट के तहत शिकायतकर्ता को प्रथमदृष्टया साबित करना होगा अपराध

इलाहाबाद (यूपी) – एससी-एसटी एक्ट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि एससी-एसटी एक्ट के तहत अपराध पर शिकायतकर्ता यदि प्रथमदृष्टया केस साबित नहीं करता तो आरोपियों को अग्रिम जमानत प्राप्त करने की अर्जी देने का अधिकार है। धारा 18 व 18ए इसमें बाधक नहीं होगी। याची का कहना था कि जातिसूचक गाली देने की घटना सार्वजनिक स्थान पर घटित नहीं हुई। इसलिए एक्ट के तहत कोई अपराध नहीं हुआ।

“MA news” app डाऊनलोड करें और 4 IN 1 का मजा उठायें  + Facebook + Twitter + YouTube.Download now

कोर्ट ने याची को अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट दी है और कहा है कि अदालत में सारे तथ्य रखे जाएं। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ ने रमाबाई नगर के शिवली थाना क्षेत्र के निवासी गोपाल मिश्र की याचिका पर दिया है।

मानवाधिकार अभिव्यक्ति न्यूज  की रोचक खबरों को पढने के लिए यहाँ क्लिक करे

याची का कहना था कि सह अभियुक्त प्रशांत व संतोष शिकायतकर्ता के करीबी संबंधी है। उनके बीच विवाद में याची बीच-बचाव करने गया था। झूठा आरोप लगाकर फंसाया गया है। जातिसूचक गाली देने की घटना किसी सार्वजनिक स्थान पर घटित नहीं हुई है, इसलिए उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए।

रोचक खबरों के लिये यहाँ क्लिक करें 

याची का यह भी कहना था कि यदि एससी-एसटी एक्ट के तहत अपराध बनता ही नहीं तो आरोपी को अग्रिम जमानत प्राप्त करने का अधिकार है। धारा 18 इसमें बाधक नहीं होगी जो अनुसूचित जाति जन जाति के विरुद्ध अपराध में अग्रिम जमानत पर रोक लगाती है।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here