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Tuesday, December 3, 2024

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कौन है गौरक्षक मोनू मानेसर? जिसपर मुस्लिम युवकों की हत्या का आरोप लगा, FIR पहले भी दर्ज हो चुकी हैं कई

हरियाणा के भिवानी में 2 नरकंकाल मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. जो शव मिले हैं वो जुनैद और नासिर के बताए जा रहे हैं. दोनों को किडनैप किया गया था, परिजनों ने इसकी FIR भी दर्ज करवाई थी. इस FIR में हरियाणा के गौरक्षक मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर का भी नाम है. अब पुलिस मोनू मानेसर की तलाश कर रही है. 

गुरुग्राम के मानेसर में गांव मानेसर का रहने वाले बजरंग दल से जुड़े मोनू मानेसर का विवादों से गहरा नाता रहा है. इससे कुछ दिन पहले मोनू मानेसर और उसकी गौरक्षकों की टीम का नाम हरियाणा के नूंह के तौरु में एक अन्य पुलिस शिकायत में दर्ज किया गया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने गौ तस्करी के संदेह में एक 22 वर्षीय युवक को बुरी तरह से मारापीटा था. इसके बाद उसे पुलिस को सौंप दिया गया था. अस्पताल में उसका निधन हो गया था.

पहले भी विवादों में रह चुका है मोनू

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा था कि मृतक जब अपने दो साथियों के साथ कार से जा रहा था तो एक टेम्पो से टकरा गया था. दुर्घटना में लगी चोटों के कारण उस व्यक्ति की मौत हो गई थी. मोहित के सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक फेसबुक लाइव के कथित वीडियो क्लिप के वायरल होने के बाद मृतक के परिवार ने आरोप लगाया था कि गौरक्षकों की पिटाई से वह घायल हो गया था. 

सोशल मीडिया पर शेयर किया था वीडियो

कथित क्लिप में गौरक्षकों को तीन आरोपी पशु तस्करों से उनके नाम और संबंधित गांवों के बारे में पूछताछ करते देखा जा सकता है. एक अन्य वीडियो में बजरंग दल के सदस्य, जिनमें से एक बंदूक से लैस है, क्षतिग्रस्त कार के सामने तीनों आरोपियों के बगल में पोज देते हुए दिखाई दे रहे हैं. मोनू मानेसर अपने इंस्टाग्राम पेज पर अक्सर वीडियोज शेयर करता रहता है. इन वीडियो में वह अक्सर कहता है, “जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं.”

काफी मजबूत है मोनू का नेटवर्क 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मोनू का नेटवर्क इतना मजबूत था कि मेवात, रेवाड़ी, गुरुग्राम और आसपास के जिलों में गो तस्करी से संबंधित किसी भी तरह की गतिविधि होने पर उसे सूचना मिल जाती थी. हरियाणा के पानीपत, सोनीपत, गुड़गांव, रेवाड़ी, नूंह, पलवल, झज्जर सहित कई जिलों में फैले मुखबिरों के नेटवर्क के साथ-साथ बजरंग दल के कार्यकर्ता, टास्क फोर्स के साथ मिलकर काम करते हैं. इन्हें हरियाणा पुलिस का सहयोग मिलता है. अक्सर संदिग्ध मवेशियों को पकड़ा जाता है और तस्करों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया जाता है.

जुनैद-नासिर की हत्याकांड से इनकार

जुनैद और नासिर की हत्या मामले में मोनू मानेसर ने खुद को निर्दोष बताया है. एबीपी न्यूज़ से बातचीत में मोनू मानेसर ने कहा, “मैं भाग नही रहा और न ही छुप रहा हूं. मैं गौरक्षा से जुड़ा हूं, इसलिए मुझे फंसाया जा रहा है. मैं दोनों मरने वालों को नही जानता. इससे पहले एक वीडियो जारी करके उसने कहा, “जो आरोप हम पर लगाए गए हैं वो पूरी तरह निराधार हैं. जहां घटना हुई है, वहां पर बजरंग दल की कोई टीम नहीं गई थी.” मोनू ने कहा, “पुलिस का सहयोग करने के लिए हम तैयार हैं, लेकिन जो भी नाम दिए गए हैं वह बिल्कुल निराधार हैं. हमें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. बजरंग दल इस तरह काम नहीं करती. हमारा काम केवल गौ हत्या और तस्करी को रोकना है.”

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