ओडिशा में विधानसभा की कार्यवाही के दौरान तकरीबन 6 बार सदन स्थगित किया गया। बीजद सरकार की शासन शैली पर चर्चा के लिए भाजपा द्वारा दिए गए नोटिस को अस्वीकार कर दिया गया था। जिसके बाद सदन में भाजपा द्वारा जमकर हंगामा किया गया। जहां विपक्षी सदस्यों ने कार्यवाही बाधित की, वहीं सत्तारूढ़ बीजद सदस्यों ने कटक और संबलपुर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के रखरखाव न होने का मुद्दा भी उठाया।
सदन चलाने में असमर्थ विधानसभा अध्यक्ष प्रमिला मलिक ने एक घंटे के लिए सुबह 11:30 बजे तक के लिए स्थगित किया। लेकिन हंगामा जारी रहने पर सदन को शाम 4 बजे तक फिर से स्थगित कर दिया गया। दोपहर बाद जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु हुई तो ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसके बाद चार बार सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
वहीं, सदन को सुचारु रुप से चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, लेकिन भाजपा ने अपना नोटिस अस्वीकार होने का विरोध जारी रखा। हालांकि सरकार ने शोर-शराबे के बीच ही चार अलग-अलग विधेयक पेश किए।
प्रश्नकाल के लिए सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही भाजपा सदस्य आसन के समक्ष मौजूद थे और उन्होंने अपना नोटिस खारिज किये जाने के विरोध में नारे लगाए।
सदन के बाहर विपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन माझी ने कहा, स्थगन प्रस्ताव की स्वीकार्यता पर चर्चा के लिए भाजपा के नोटिस को अध्यक्ष ने बिना कोई कारण बताए खारिज कर दिया। हम इस पर चर्चा चाहते थे कि सरकारी प्रोटोकॉल में सचिव श्रेष्ठ हैं या मंत्री। राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है।
वहीं, कांग्रेस सदस्य ताराप्रसाद बाहिनीपति ने सदन को स्थगित करने के लिए भाजपा और बीजद दोनों पर आरोप लगाया।
बाहिनीपति ने कहा, “वे (बीजद और भाजपा) एक हैं,अलग नहीं हैं। उन्होंने कांग्रेस द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा को रोकने के लिए सदन को स्थगित कर दिया। दोनों दलों के बीच मौखिक लड़ाई सिर्फ दिखावा है।
बीजद सदस्य दीपाली दास ने कहा कि उनकी पार्टी के विधायकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत में केंद्रीय लापरवाही का मुद्दा उठाया, जो पश्चिमी ओडिशा के लोगों के लिए जीवन रेखा है।