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Friday, March 29, 2024

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तमिलनाडु के तट पर तेल रिसाव, पाइपलाइन हटाने की मछुआरों ने की मांग, दूसरे दिन भी किया प्रदर्शन

नागपट्टिनम जिले के नागूर पट्टीनाचेरी तट पर एक रिफाइनरी की पाइपाइन से तेल रिसाव हुआ। हालांकि, बाद में इस पर काबू पा लिया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि इस मुद्दे का स्थायी समाधान सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं एक दिन पहले तेल रिसाव देखने वाले गांव के मछुआरों ने आज दूसरे दिन भी अपना प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने अधिकारियों पानी से कच्चे तेल की पाइपलाइन हटाने की मांग की। 


पुरानी पाइपलाइन का किया जा रहा था इस्तेमाल
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीपीसीएल) की कावेरी बेसिन रिफाइनरी की पाइपलाइन में रिसाव संभवत: गुरुवार की रात हुआ होगा। कच्चे तेल को कराईकल बंदरगाह तक पहुंचाने के लिए पुरानी पाइपलाइन का इस्तेमाल किया जा रहा था। हालांकि, पाइपलाइन में रिसाव की सूचना शुक्रवार को मिली। लेकिन अधिकारी उच्च ज्वार-भाटा के कारण तुरंत बहाली का काम नहीं कर सके। 

रोका गया तेल रिसाव, अधिकारियों ने चौबीस घंटे किया काम
नागपट्टिनम के जिलाधिकारी ए अरुण थंबुराज ने कहा कि तेल रिसाव को रोकने और तट को साफ करने का काम शुरू कर दिया गया है। जिलाधिकारी के आदेश के बाद सीपीसीएल, तटरक्षक बल, पुलिस और अग्निशमन एवं बचाव सेवा के अधिकारियों ने चौबीसों घंटे काम किया और आज तड़के रिसाव को रोक दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कार्बन स्टील पाइपलाइन में ड्रिप अस्थायी रूप से लगाई गई थी और जिला प्रशासन ने रिफाइनरी को स्थायी समाधान खोजने का निर्देश दिया है।

तेल पानी में पचास मीटर तक फैलने की संभावना
सीपीसीएल के कर्मचारियों ने तटरेखा पर बांध बनाने के लिए खुदाई करने वालों का इस्तेमाल किया, जबकि क्षतिग्रस्त पाइपलाइन के चारों ओर रेत की बोरियों का ढेर लगाया, ताकि रात जब 1 बजे से 1.45  बजे के बीच कम ज्वार भाटा हो तो इसे बंद किया जा सके। पाइपलाइन करीब बीस साल पहले बिछाई गई थी। यह पाइपलाइन महीने के ज्यादातर समय बेकार ही रही। ऐसा संभावना है कि पाइपलाइन में अवशेषों के कारण मामूली रिसाव हुआ होगा, जिससे लगभग 50 मीटर तक तेल फैल गया।

मछुआरों के आंदोलन का दूसरा दिन, अधिकारियों के साथ वार्ता
स्थानीय मछुआरों ने आज दूसरे दिन भी मछली पकड़ने से परहेज किया और रिफाइनरी से पाइपलाइन हटाने की मांग को लेकर अपना आंदोलन जारी रखा। उन्होंने दावा किया कि तेल रिसाव के कारण मछलियों की मौतें हो रही हैं। इससे उनके स्वास्थ्य को खतरा पैदा हुआ है। राजस्व और पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी मछुआरों के साथ शांति वार्ता की।

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