चकेरी लाल बंगला निवासी अमरप्रीत कौर ने बताया कि उनका चूड़ियों का कारोबार है। जिसके चलते वह ज्यादातर फिरोजाबाद में रहती है। उनका बड़ा बेटा दिलजोत सिंह (18) लाल बंगला में अपनी बुआ मनप्रीत कौर के घर पर रहता है। वह बर्रा-8 स्थित अपनी चूड़ियों की दुकान को देख रहा है। अमरप्रीत ने बताया कि 26 अगस्त की रात दिलजोत दुकान से घर लौटने के बाद स्कूटी से अपने दोस्त के साथ सिद्धनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए जा रहा था।
तभी बाजार में बाइक सवार जेब्रा सिपाहियों ने उसे रोका। फिर स्कूटी के कागजात दिखाने को कहा। अमरप्रीत ने बताया कि बेटे के साथ सभी कागज होने के बाद भी सिपाही उससे अभद्रता करने लगे। विरोध पर एक सिपाही ने उसे थप्पड़ जड़ दिया और फिर बेटे समेत उसके दोस्त को चकेरी चौकी लेकर गए। जहां पर दरोगा ने भी दिलजोत से अभद्रता की। इस पर दिलजोत ने अपनी मां को फोन कर घटना की जानकारी दी।
फिर दरोगा से बात कराई । तो दरोगा ने उनसे भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया और कहा कि मैं भी फिरोजाबाद का रहने वाला हूं। तुमको देख लूंगा। इसके बाद दरोगा ने फोन काट दिया। फिर दिलजोत को उसके दोस्त से चार थप्पड़ मरवाये। इस घटना ने दिलजोत मानसिक तनाव में आ गया। इसके बाद घर पहुंचने पर उसने कमरे में जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया।
इस पर दिलजोत की फुफेरी बहन ने देखा, तो शोर मचाया। इस पर परिजनों ने उसे बचाया। फिर काफी पूछने पर दिलजोत ने पूरी घटना बताई। इसके बाद दिलजोत अपनी मां के साथ पुलिस कमिश्नर डॉ आरके स्वर्णकार से शिकायत करने पहुंचे। पुलिस कमिश्नर ने कार्रवाई का तो आश्वासन दिया। लेकिन , मामले में एसीपी चकेरी अमरनाथ यादव का कहना है कि घटना शिवगोदावरी चौकी क्षेत्र की है। वो एसीपी कैंट के क्षेत्र में आती है। वहीं , एसीपी कैंट बृजनारायण सिंह ने इस प्रकार की घटना की जानकारी से इनकार किया। जबकि , पीड़ित की मां चकेरी चौकी की घटना होने की बात कह रही हैं।