उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में आयोजित ”लड़की हूं लड़ सकती हूं”, शक्ति संवाद, कार्यक्रम प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि राज्य की सारी महिलाएं एकजुट होकर राजनीति को बदलने की कोशिश करें। आजकल की जो राजनीति चल रही है कि वचन दिया और रखा नहीं, धर्म के आधार पर राजनीति कर ली, जाति के आधार पर वोट मांग लिया उसके बाद आपके लिए कोई काम नहीं किया, इसीलिए मैं चाहती हूँ कि महिलाएं समझें कि किस तरह की राजनीति हो रही है। और उसे बदलने के लिए शक्ति आप सब में है, इसीलिए हमने जो घोषणा पत्र बनाया है, उसमें मोबाइल और स्कूटी सिर्फ माध्यम हैं, महिलाओं को सुरक्षित रखने और सशक्त बनाने के लिए। हमने बहुत सी घोषणाएं की हैं, जिनको पूरा करने का हम वचन दे रहे हैं। हमारा एक गारंटी कार्ड भी है, जो घर-घर तक पहुँचाया जाएगा।
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प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, कि महिलाओं को हम पर भरोसा करना पड़ेगा। यह महिलाओं का हक़ है कि सरकार उनके लिए रोजगार सुनिश्चित करने के लिए काम करे। खेलों में महिलाओं में बहुत क्षमता है, उन्हें सारी सुविधाएं मिलें तो वह बहुत अच्छा कर सकती हैं। हम एक पूरा विधान निकालने वाले हैं, जिसमें भर्तियां निकालने, रोजगार देने का अपना रोडमैप बताएँगे।
उत्तर प्रदेश में काफी वेकेंसियां हैं, जो भरी नहीं गई हैं। विधानसभा चुनाव में चालीस फीसद महिलाओं को टिकट देना हमारी बड़ी पहल है। जबसे हमने लड़कियों का मुद्दा उठाया तब से दूसरी पार्टियां भी जाग गई हैं कि आधी आबादी महिलाएं हैं। अचानक अब मोदी जी ने पहली बार सिर्फ महिलाओं की रैली की, अखिलेश जी ने महिलाओं के लिए घोषणाएं की। यह क्यों हो रहा है? क्योंकि लोग समझने लगे हैं कि महिलाओं की एक बहुत बड़ी शक्ति है, जिसको नकारा नहीं जा सकता है। अगर हम उत्तर प्रदेश में क्रांति लाएंगे, तो मैं दावा कर सकती हूँ कि संसद भवन में भी लोग इसे नकार नहीं पाएंगे। हमारी पार्टी ने घोषणा की है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दस हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा, साथ ही प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
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प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि मैंने सभी बहनों की समस्याओं को सुना, महिलाओं को उनका हक़ नहीं दिया जा रहा है। सरकार की विचारधारा और मानसिकता यही है कि एक गैस सिलेंडर पकड़ा दिया और जिम्मेदारी ख़त्म। आप सशक्त कैसे होंगी, आपकी शिक्षा कैसे होगी, आप के लिए रोजगार कैसे मिलेगा, यह सब नहीं पूछा। वो सोचते हैं कि सिर्फ एक गैस सिलेंडर देने से आप उन्हें वोट दे देंगी। इसी तरह से जब भी चुनाव में आपके सामने आते हैं महिलाओं की भलाई और उनके सशक्तिकरण की बातचीत नहीं करते हैं।
इनकी मानसिकता महिलाओं को नकार देना है। मैं कहती हूँ कि आप इस देश की आधी आबादी हैं, महिलाओं को अब कोई नकार नहीं सकता है। अनेक बेटियां, महिलाएं संघर्ष कर रही हैं पर उन्हें पहचानने वाला कोई नहीं है। इसीलिए मैं कहती हूँ, कि आप में शक्ति है, उसे पहचानिए, आपके लिए लड़ने कोई नहीं आ रहा है, आप खुद लड़ेंगी। बहुत घोषणाएं देख लीं, पांच साल से यह लोग सत्ता में हैं, अब आपकी आवाज बुलंद हुई तो आपके लिए अन्य पार्टियां घोषणाएं कर रही हैं। हम चाहते हैं कि आप आगे बढ़ो। हमने एक घोषणा पत्र बनाया है शक्ति विधान। इसमें हमने यह लिखा है कि हम आपकी सेहत, शिक्षा, स्वाभिमान के लिए क्या करना चाहते हैं।
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कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हम महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को मजबूत करना चाहते हैं। अगर महिलाएं एकजुट हो जाएं, इकट्ठी हो जायें तो देश की, उत्तर प्रदेश की राजनीति बदल सकती हैं। आप अगर नेता को जवाबदेह नहीं बनाएंगे, उसकी जिम्मेदारी नहीं समझायेंगे, तो इसी तरह की राजनीति चलती रहेगी। बार-बार आपको फुसलाया जाएगा, आपको धोखा दिया जाएगा, लेकिन आपके विकास की बात नहीं होगी। आपका भविष्य, आपके बेटे-बेटियों का भविष्य आपके हाथों में है।
आज देश कठिन परिस्थितियों से जूझ रहा है। किसान, युवा, महिलाएं सब त्रस्त हैं। अत्याचारों पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय, पीड़ितों पर मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं। अब यह मौका मिलेगा आपको कि चुनाव में ऐसी पार्टी को जिताएं, जो आपके सशक्तिकरण की बात कर रही है। हम नकारात्मक राजनीति के बजाय, समस्याओं के समाधान के लिए बात कर रहे हैं। महिलाओं को शिक्षा, रोजगार, सुविधाएं चाहिए। आप अपने अंदर अपनी शक्ति को पहचानो, यह मत भूलो कि इस देश के हर घर में महिलाएं हैं, अगर वो महिलाएं एकजुट हो जाएं, मन बना लें कि हम अपने देश को बदलेंगे, अपनी राजनीति को बदलेंगे, तो यह देश जरूर बदलेगा और नेता जिम्मेदार, जवाबदेह बनेंगे।
कांग्रेस के इस शक्ति संवाद कार्यक्रम में श्वेता, नेहा दूबे, साधना सिंह, रीना कुशवाहा, साइना, नीतू, मनीषा आदि ने महिलाओं की स्थिति पर प्रियंका गांधी वाड्रा के सामने अपनी बात रखी।