उत्तराखंड से बीजेपी के राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने संविधान से इंडिया शब्द हटाने की मांग की है. उनका दावा है कि यह एक औपनिवेशिक थोपा हुआ शब्द था जिसने मूल नाम ‘इंडिया’ की जगह ले ली। बीजेपी सांसद ने कहा कि इंडिया नाम गुलामी का प्रतीक है जो आज भी हमारे देश में है और इसे तुरंत हटाया जाना चाहिए.
बीजेपी सांसद ने तर्क देते हुए कहा कि पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित करते हुए गुलामी के प्रतीकों से छुटकारा पाने की अपील की थी. बंसल ने कहा कि पिछले 9 सालों में मोदी सरकार कई मौकों पर औपनिवेशिक विरासत, औपनिवेशिक प्रतीकों को हटाने की अपील कर चुकी है. साथ ही भारतीय प्रतीकों, मूल्यों, सोच को उनके स्थान पर लागू करने की वकालत की गई है।
उत्तराखंड सांसद ने कहा कि क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत और कड़ी मेहनत के बाद जब देश आजाद हुआ तो 1950 में संविधान बनाया गया. संविधान में लिखा गया कि इंडिया दैट इज भारत (भारत जो भारत है). बंसल ने कहा कि देश का नाम प्राचीन काल से भारत ही है और इसे इसी नाम से पुकारा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आजादी के स्वर्ण युग में औपनिवेशिक विरासत को हटा देना चाहिए.
विपक्षी दलों के गठबंधन ने हाल ही में बेंगलुरु में हुई बैठक में अपने गठबंधन का नाम India रखा है. गठबंधन का नया नाम सामने आने के बाद से ही बीजेपी नेता विपक्ष पर हमलावर हैं. पीएम मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में भी कहा था कि भारत नाम रखने से कुछ नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इंडिया शब्द इंडियन मुजाहिदीन और ईस्ट इंडिया कंपनी में भी था.
बता दें कि बीजेपी के कई नेता पहले ही इसे भारत-भारत का टकराव बता चुके हैं. बंसल से पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी 2024 के लोकसभा चुनाव को भारत और भारत के बीच मुकाबला बताया था.