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Sunday, July 7, 2024

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मणिपुर में कैदी को अस्पताल न ले जाने पर शीर्ष अदालत नाराज, कहा- हमें राज्य सरकार पर भरोसा नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मणिपुर की जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी को इलाज के लिए अस्पताल न ले जाने पर नाराजगी जताई है। मामले में शीर्ष अदालत ने कहा कि एक व्यक्ति को सिर्फ इसलिए इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले जाया गया क्योंकि वह अल्पसंख्यक कुकी समुदाय से था। इस दौरान शीर्ष अदालत ने टिप्पणी कि उसे राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है।

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस उज्ज्ल भुईयां की पीठ ने लुनखोंगम हाओकिप की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। लुनखोंगम हाओकिप ने कहा था कि वह बवासीर और टीबी से पीड़ित है। उसे पीठ में तेज दर्द होने के बावजूद जेल अधिकारी उसे अस्पताल लेकर नहीं गए।

पीड़ित हाओकिप के वकील ने दावा किया कि जेल अधिकारियों ने मेडिकल हेल्प के लिए लगातार अनुरोध करने पर भी ध्यान नहीं दिया। इस पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा, हमें राज्य पर भरोसा नहीं है। आरोपी को अस्पताल नहीं ले जाया गया क्योंकि वह कुकी समुदाय से है। 

पीड़ित के इलाज की व्यवस्था करने के दिए निर्देश
पीठ ने जेल अधीक्षक और राज्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पीड़ित को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज ले जाने के लिए आवश्यक व्यवस्था करें और वहां उसकी जांच करवाएं। उसकी बवासीर, टीबी, टॉन्सिलिटिस और पेट दर्द की जांच होगी। बता दें कि याचिकाकर्ता को रीढ़ की हड्डी में भी समस्या है। वहीं मामले में कोर्ट ने 15 जुलाई तक या उससे पहले एक डिटेल मेडिकल रिपोर्ट मांगी और राज्य से उपचार लागत समेत सभी खर्च वहन करने को कहा है।

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