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Monday, July 1, 2024

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म्यांमार के विदेश मंत्री से मिले जयशंकर, सीमा के पास हिंसा पर जताई चिंता; भारतीय को स्वदेश भेजने की मांग

म्यामांर में भारतीय सीमा से सटे क्षेत्रों में लगातार हिंसा की खबरें सामने आ रहीं हैं। ऐसे में वहां मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भारत भी चिंतित है। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने म्यांमार के अपने समकक्ष यू थान श्वे के साथ मुलाकात की। इस दौरान भारत ने म्यांमार में भारतीय सीमा के पास जारी हिंसा पर चिंता व्यक्त की। एस जयशंकर ने म्यामांर के विदेश मंत्री से म्यावाडे शहर में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने में सहयोग करने की भी मांग की।  

भारत के विदेश मंत्री ने म्यांमार के उप प्रधानमंत्री के साथ भी मुलाकात की। सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा की गए एक पोस्ट में लिखा गया है कि बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने म्यांमार में चल रही भारत की परियोजनाओं को सुरक्षा प्रदान करने पर जोर दिया। जयशंकर ने खासतौर पर भारत-म्यांमार सीमा के पास लगातार हो रही हिंसा पर चिंता जताई।

बता दें कि म्यांमार के कई क्षेत्रों में सेना (जुंटा) और विद्रोहियों के बीच जंग जारी है। म्यांमार में विद्रोहियों ने पहले से ही कई क्षेत्रों पर अपना कब्जा किया हुआ है। अप्रैल के महीने में विद्रोहियों ने जुंटा के सैन्य अड्डे और म्यावाडी स्थित कमान केंद्र पर कब्जा कर लिया था।

‘सभी पक्षों से बात करने को तैयार भारत’
बैठक में जयशंकर ने म्यांमार के समकक्ष से कहा कि भारत, म्यामांर में हिंसा की स्थिति से निपटने के लिए सभी पक्षों से बातचीत करने के लिए तैयार है। भारत के विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा ‘म्यांमार के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से मुलाकात की। मुलाकात में भारत-म्यांमार सीमा के पास बढ़ती हिंसा पर चिंता जताई गई। भारत इस मामले में सभी पक्षों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है। म्यांमार में चल रही भारत की परियोजनाओं को सुरक्षा प्रदान करने पर जोर दिया गया। साथ ही वहां फंसे भारतीय लोगों की स्वदेश वापसी में मदद प्रदान करने का अनुरोध किया गया।’ 

म्यांमार में कैसे हैं हालात?
1 फरवरी, 2021 को म्यांमार में तख्तापलट हुआ था और सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा कर लिया गया। इसके बाद से म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर व्यापक हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। म्यांमार के रखाइन राज्य के अलावा अन्य क्षेत्रों में बीते वर्ष अक्टूबर से सशस्त्र जातीय समूहों और सेना के बीच भीषण लड़ाई हो रही है। पिछले वर्ष नवंबर के महीने में भारत-म्यांमार की सीमा से सटे कई प्रमुख शहरों में हिंसा और अधिक बढ़ गई थी। इस वजह से भारत द्वारा मणिपुर और मिजोरम की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई गई है।

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