लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है लेकिन अभी तक महाराष्ट्र में एनडीए में शामिल पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर अंतिम सहमति नहीं बन पाई है। शिवसेना के फैसले के कारण शिवसैनिकों में बेचैनी बढ़ गई है। गौरतलब है कि शिंदे गुट की हाल ही में फैसला किया है कि वे अपने तीन मौजूदा सांसदों को हटा देगी। तमाम खींचतान के बावजूद लोकसभा उम्मीदवार अपने क्षेत्रों में प्रचार कर रहे हैं।
पार्टी सूत्रों की मानें तो शिंदे गुट ने अपने मौजूदा सांसद भावना गवली (यवतमाल वाशिम), हेमंत पाटिल (हिंगोली) और कृपाल तुमाने (रामटेक) को हटाया है, जिससे शिवसेना नेता चिंतित हैं। वहीं, आशंका है कि पार्टी मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र से संसद पहुंचे गजानन कीर्तिकर का भी टिकट काट सकती है। महाराष्ट्र की सात सीटों- रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, मुंबई दक्षिण, औरंगाबाद, नासिक, पालघर, ठाणे और सतारा के लिए एनडीए ने अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। बता दें, अविभाजित शिवसेना ने पिछली बार छह सीटें जीतीं थीं।
ठाणे, कल्याण और नासिक सीट का यह है हाल
सूत्रों के अनुसार, भाजपा ठाणे या कल्याण सीट चाह रही थी, जिसका प्रतिनिधित्व फिलहाल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे कर रहे हैं और हाल ही में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कल्याण से श्रीकांत के उम्मीदवारी की घोषणा की। वहीं, ठाणे सीएम शिंदे का गढ़ है तो इसकी संभावना कम है कि ठाणे भाजपा के पास चला जाए। वहीं, नासिक सीट पर भी खींचतान जारी है। यहां दो बार के सांसद हेमंत गोडसे ने प्रचार भी शुरू कर दिया है। वह भी तब, जब यह सीट कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल को देने के के लिए एनसीपी प्रयास कर रही है।
इन सीटों का देखें हाल
इसके अलावा, शिवसेना ने रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा क्षेत्र से मौजूदा सांसद विनायक राउत को दोबारा उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के लिए सीट का दावा कर रही है। कैबिनेट मंत्री उदय सामंत के बड़े भाई किरण सामंत भी इसी सीट के लिए दावेदारी कर रहे हैं और उन्होंने चुनाव के लिए प्रचार भी शुरू कर दिया है। दक्षिण मुंबई सीट के लिए भी भाजपा और शिवसेना में खींचतान हो रही है। भाजपा नेता और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने भी चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। शिवसेना के राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा भी इसी सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। शिवेसना नेता यामिनि जाधव के पति यशवंत जाधव भी यहीं से दावेदारी कर रहे हैं। यही खींचतान औरंगाबाद और पालघर लोकसभा क्षेत्र में भी है।