27 C
Mumbai
Sunday, September 24, 2023

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

"मानवाधिकर आभिव्यक्ति, आपकी आभिव्यक्ति" 100% निडर, निष्पक्ष, निर्भीक !

हाईकोर्ट की यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सख्त टिप्पणी, कहा सब कुछ राम भरोसे

हाईकोर्ट की यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सख्त टिप्पणी

इलाहाबाद: हाईकोर्ट की यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था पर, उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के प्रबंधन WHO की तारीफ से वाहवाही में जुटी योगी सरकार को इलाहाबाद हाइकोर्ट की टिप्पणी से ज़ोरदार झटका लगा है, उच्च न्यायालय ने सोमवार को गांवों और छोटे शहरों में स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि सब ‘राम भरोसे’ है. दो जजों जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और अजीत कुमार की बेंच राज्य में कोरोना मरीजों की अच्छी देखभाल की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें

मेरठ के संतोष की बात
बेंच ने मेरठ के एक अस्पताल में एक आइसोलेशन वार्ड में भर्ती संतोष कुमार (64) की मौत को ध्यान में रखते हुए यह टिप्पणी की.एक जांच रिपोर्ट के अनुसार वहां के डॉक्टर उसकी पहचान करने में विफल रहे. जिसके बाद शव का लापरवाही से अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस मामले में हाई कोर्ट ने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और आश्रित परिवार को मुआवजा देने का आदेश दिया है. तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद अदालत की यह सख्त टिप्पणियां सामने आयी हैं.

बहुत नाजुक, कमजोर और दुर्बल स्वास्थ्य व्यवस्था
कोर्ट ने यूपी में चिकित्सा देखभाल की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘जहां तक ​​​​चिकित्सा बुनियादी ढांचे का सवाल है, इन कुछ महीनों में हमने महसूस किया है कि बहुत नाजुक, कमजोर और दुर्बल है.’ कोर्ट ने यह भी कहा, ‘जब यह सामान्य समय में हमारे लोगों की चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकता है, तो निश्चित रूप से वर्तमान महामारी के सामने इसे ध्वस्त हो ही जाना था.’

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

बिजनौर का भी ज़िक्र
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पश्चिमी यूपी के बिजनौर के उदाहरण का भी जिक्र किया. कोर्ट ने कहा, ‘हमें हैरानी है कि बिजनौर जिले में लेवल-3 का कोई अस्पताल नहीं है. तीन सरकारी अस्पतालों में केवल 150 बेड हैं, जहां BIPAP मशीन केवल पांच हैं और उच्च प्रवाह वाली Nasal Cannula की संख्या केवल 2 है.’

32 लाख आबादी पर 10 CHC
कोर्ट ने कहा, ‘अगर हम ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी 32 लाख मानते हैं तो वहां केवल 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या सीएचसी हैं. ऐसे में 3 लाख लोगों पर एक स्वास्थ्य केंद्र है. वहीं, 3 लाख लोगों के लिए केवल 30 बेड़ हैं. इसका मतलब है, एक सीएचसी केवल 0.01 प्रतिशत आबादी की स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता को पूरा कर सकता है. कोई भी BIPAP मशीन या उच्च प्रवाह वाला Nasal Cannula नहीं है.’

‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

जारी किये निर्देश
हाईकोर्ट ने इस बारे में कुछ निर्देश भी जारी किये हैं जिसके मुताबिक बड़े व्यापारिक घराने अपना दान करने वाला फंड वैक्सीन खरीदने में लगाएं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नर्सिंग होम की सुविधाओं को भी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। 20 बेड वाले नर्सिंग होम के 40 प्रतिशत बेड आईसीयू के हों, जिनमें से 25 प्रतिशन बेड पर वेंटीलेटर, 50 प्रतिशत पर बाइपेप मशीन और 25 प्रतिशत पर हाई फ्लो नेजल कैनुला की सुविधा मिलनी चाहिए।

होई कोर्ट ने कहा कि 30 बेड वाले नर्सिंग होम या अस्पताल को अपना ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्लांट रखना होगा।

हर छोटे शहर में 20 एंबुलेंस, गांव में आईसीयू सुविधा वाली 2 ऐंबुलेंस जरूर रखी जाए।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here