राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक शरद पवार ने रविवार को कहा कि विपक्ष अगले दो महीने में महाराष्ट्र में महायुति सरकार को सत्ता से हटाने और छत्रपति शिवाजी के आदर्शों पर आधारित एक नई सरकार बनाने तक शांत नहीं बैठेगा। पवार मुंबई के घाटकोपर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
पवार ने 26 अगस्त को सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ता में बैठे लोगों को शिवाजी महाराज पर भरोसा नहीं है। महायुति गठबंधन में भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राकांपा शामिल है।
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि अगर आप एकजुट रहते हैं, तो हम अगले दो महीने में महाराष्ट्र की सरकार बदलने और शिवाजी महाराज के आदर्शों पर आधारित ऐसी नई सरकार बनाने तक शांत नहीं बैठेंगे, जो जनता के हितों की रक्षा करेगी।”
विधानसभा चुनाव से पहले राजकोट किले में 35 फीट ऊंची शिवाजी की प्रतिमा गिरने के बाद से राज्य की सियासत गरम है। विपक्ष ने महायुति गठबंधन पर भ्रष्टाचार और प्रतिमा का अपमान करने का आरोप लगाया है। वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित राज्य के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना के लिए माफी मांगी है।
हालांकि, पवार ने कहा कि प्रतिमा के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप हैं, लेकिन उनके पास इसका सबूत नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया, एक प्रतिमा कैसे गिर सकती है? इसका मतलब है कि प्रतिमा की गुणवत्ता खराब थी। इस सरकार के तहत शिवाजी का अपमान हुआ है। राज्य सरकार ने कहा है कि एक नई प्रतिमा बनाई जाएगी। लेकिन जो नुकसान हुआ, क्या उसकी भरपाई होगी। उन्होंने कहा कि प्रतिमा के निर्माण में गलत और भ्रष्ट फैसले लिए गए थे।
शरद पवार ने आज सुबह हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के विरोध मार्च में भी भाग लिया। महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए चुनाव अक्तूबर या नवंबर में होने की संभावना है। पवार ने केंद्र की सीधी भर्ती योजना पर भी निशाना साधा, जो हाल ही में एक सियासी विवाद का कारण बनी थी। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोग जनता के हितों की रक्षा नहीं करेंगे।