लोकपाल का आंदोलन चलकर कांग्रेस सरकार सत्ता से हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अन्ना हज़ारे ने अब शराब नीति को लेकर अपने शिष्य अरविन्द केजरीवाल पर हमला बोला है. ध्यान रहे कि दिल्ली सरकार की शराब नीति पर भाजपा आम आदमी पार्टी सरकार को घेर रही है, इस तरह कहा जा सकता है कि अन्ना हज़ारे एकबार फिर भाजपा की मदद में आगे आये हैं.
दरअसल लोकपाल आंदोलन में केजरीवाल अन्ना हज़ारे के सबसे प्रिय शिष्य थे और अब अपने उसी प्रिय शिष्य की कथनी और करनी में उन्होंने अंतर बताया है. अन्ना ने केजरीवाल को पत्र लिखकर लोकपाल आंदोलन के दिनों की याद दिलाई है, अन्ना ने कहा कि आंदोलन का मकसद राजनीतिक दल बनाना नहीं था. अन्ना ने केजरीवाल पर विचारों को भूल जाने का आरोप लगाते हुए शराब नीति को लेकर सख्त टिप्पणी की है.
अन्ना ने अपने पत्र में लिखा कि वह दिल्ली में आबकारी नीति की खबरों से बहुत दुखी हैं, अन्ना ने लिखा कि आप राजनीति में जाकर और मुख्यमंत्री बनने के बाद आदर्श विचारधारा भूल गए हैं. अपनी चिठ्ठी में अन्ना ने लिखा कि शराब के नशे की तरह आप भी सत्ता के नशे में डूब चुके हो. अन्ना ने आगे लिखा कि एक ऐतिहासिक आंदोलन का नुकसान कर के जो पार्टी बन गयी थी वह भी बाकी राजनीतिक पार्टियों की तरह ही दिखने लगी है जिसका उन्हें बहुत दुःख है.
दरअसल अन्ना हज़ारे के इस पत्र को राजनीतिक दृष्टि से देखा जा रहा है. आम आदमी पार्टी के गुजरात में सक्रीय होने के बाद से भाजपा काफी विचलित है और उसी के बाद AAP नेताओं पर केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई तेज़ हुई है. दिल्ली में शराब नीति के बाद दिल्ली के स्कूलों में घोटाले की बात उछलकर भाजपा केजरीवाल सरकार के खिलाफ आंदोलित है. ऐसे में सोते हुए अन्ना हज़ारे का अचानक जागना और अपने प्रिय चेले के खिलाफ आवाज़ उठाने को लेकर सवाल तो उठेंगे ही.