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Saturday, October 19, 2024

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आमरण अनशन स्थल पर डॉक्टरों से मिलने पहुंचे मुख्य सचिव, सीएम ममता बनर्जी ने फोन पर की बात

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में आमरण अनशन कर रहे जूनियर डॉक्टरों से पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत और गृह सचिव नंदिनी चक्रबर्ती ने मुलाकात की। इस दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने जूनियर डॉक्टरों से फोन पर बात की। उन्होंने जूनियर डॉक्टरों से आमरण अनशन खत्म करने की अपील की। साथ ही कहा वह सोमवार को उनसे मुलाकात करेंगीं। 

दरअसल जूनियर डॉक्टर की हत्या के विरोध में आमरण अनशन कर रहे छह चिकित्सकों को हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है। मौजूदा समय में एस्पलेनेड क्षेत्र में अनशन कर रहे आठ चिकित्सकों ने राज्य सरकार ने 21 अक्तूबर तक मांगों पर गौर करने की मांग की है। 

एक चिकित्सक ने कहा कि अगर उनकी मांगें 22 अक्तूबर तक पूरी नहीं हुईं तो वे पूरे राज्य भर में हड़ताल करेंगे। हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हमारे साथ बैठकर बात करें और हमारी सभी मांगों को पूरा करें। प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के साथ ही कई कलाकारों ने सांकेतिक भूख हड़ताल की। 

आंदोलन कर रहे चिकित्सकों ने रविवार को अपनी मांगों को लेकर एक महारैली की योजना बनाई है। इसमें वह स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को हटाने की भी मांग करेंगे। इसके अलावा चिकित्सकों ने राज्य सरकार से सभी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में केंद्रीयकृत रेफरल प्रणाली स्थापित करने, बेड रिक्ति नियंत्रण सिस्टम और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन कॉल ड्यूटी, वॉशरूम बनवाने के लिए टास्क फोर्स का गठन करने की मांग की है। 

वहीं मुख्य सचिव के आमरण अनशन स्थल पर पहुंचने के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने आंदोलनकारी डॉक्टरों से फोन पर बात की। सीएम ने डॉक्टरों से अनशन खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हर किसी को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन इससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं होनी चाहिए। सीएम ने कहा कि आपकी अधिकतर मांगों को पूरा कर दिया गया है, शेष मांगों को पूरा करने के लिए तीन से चार महीने का समय दीजिए।

सीएम ने डॉक्टरों से कहा कि आपकी मांगों से हम असहमत नहीं हैं। बातचीत के लिए सरकार के साथ बैठने का आपसे अनुरोध है। उन्होंने कहा कि अपना प्रदर्शन समाप्त कर दीजिए। कुछ मांगों को पूरा करने के लिए नीतिगत फैसले की जरूरत है। हम यथासंभव सहयोग करेंगे, लेकिन यह स्वीकार नहीं है कि सरकार को निर्देशित किया जाए कि क्या करना चाहिए।

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