जैसे-जैसे टनल के मलबे में बचाव का पाइप 13 दिन से सुरंग में कैद मजदूरों के करीब जा रहा है, वैसे ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी मुस्तैद हो गई है। एनडीआरएफ ने पाइप के भीतर से मजदूरों को निकालने के लिए तैयार है।
टीम ने 800 मिमी पाइप के भीतर से मजदूरों को निकालने के लिए गोलाकार स्ट्रेचर बनाया है। शुक्रवार को पाइप के भीतर इसे डालकर उन्होंने मजदूरों को बाहर निकालने की मॉक ड्रिल की।
उधर, आज सुरंग से बाहर आए कर्मचारियों ने बताया कि भीतर वेल्डिंग के धुएं की महक मजदूरों तक पहुंची हैं। उन्होंने वॉकी-टॉकी पर भीतर से ये जानकारी दी है। इससे मजदूरों का उत्साह बढ़ गया है।
टनल के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले टनल विशेषज्ञ कर्नल परिक्षित मेहरा ने बताया कि जल्द ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम शुरू होगा। बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो शाम तक एस्केप टनल बनाने का काम पूरा हो जाएगा। अब 9 से 12 मीटर की ही ड्रिलिंग शेष है।
बंगलूरू की स्क्वाड्रोन इंफ्रा के छह टनलिंग-माइनिंग विशेषज्ञ इंजीनियर की टीम ने सुरंग में पहुंचकर आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस से भीतर के हालात बताए, जिससे अभियान को अंजाम तक पहुंचाने में काफी मदद मिली।