केरल सरकार को विश्वविद्यालय से संबंधित विधेयकों पर राज्यपाल के साथ विवाद के बाद एक और झटका लगा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने केरल विधानमंडल द्वारा पारित तीन विश्वविद्यालय विधेयकों पर अपनी सहमति रोक दी है। इनमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को विश्वविद्यालयों के चांसलर (कुलाधिपति) के पद से हटाने का विधेयक भी शामिल है।
तिरुवनंतपुरम में राजभवन ने गुरुवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ने केरल विश्वविद्यालय कानून (संशोधन नंबर-2) विधेयक, 2022 पर सहमति रोक दी है, जिसका उद्देश्य राज्यपाल को विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के पद से हटाना है। बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने राज्य विधानसभा द्वारा पारित केरल लोकायुक्त विधेयक को मंजूरी दे दी है।
केरल राजभवन के बयान अनुसार, यह सूचित किया गया है कि राष्ट्रपति ने तीन विधेयकों पर अपनी सहमति रोक दी है, जिन्हें राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विचार के लिए राष्ट्रपति भवन भेजा था। इनमें विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक, 2022 (जो कुलपति की नियुक्ति के लिए खोज समिति के विस्तार से संबंधित है), विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक, 2021 (जो अपीलीय न्यायाधिकरण मुद्दे और अन्य संशोधनों से संबंधित है) और केरल विश्वविद्यालय कानून (संशोधन नंबर-2) विधेयक, 2022 शामिल हैं।
बयान में कहा गया है कि कुल सात विधेयक नवंबर 2023 में राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजे गए थे। इनमें से केवल एक विधेयक केरल लोक आयुक्त संशोधन विधेयक, 2022 पर सहमति दी गई है। अन्य तीन विधेयकों पर अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है।
केरल सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पिछले साल नवंबर में जन स्वास्थ्य विधेयक सहित आठ लंबित विधेयकों को मंजूरी दी है। लेकिन विवादास्पद विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक सहित सात विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए सुरक्षित रख लिया था। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने 24 नवंबर को केरल सरकार की उस याचिका पर सुनवाई की थी, जिसमें राज्यपाल पर राज्य विधानसभा द्वारा पारित कई विधेयकों को मंजूरी न देने का आरोप लगाया गया था।
राज्यपाल ने विधेयकों को संविधान की भावना के खिलाफ बताया था
गौरतलब है कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल सरकार द्वारा लाए गए विश्वविद्यालय कानून विधेयकों का विरोध किया था। उन्होंने इन्हें संविधान की भावना के खिलाफ बताते हुए मंजूरी नहीं दी थी। बाद में राजभवन ने मंजूरी के लिए इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया था। केरल विधानसभा ने दिसंबर 2022 में विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक पारित किया। इसके बाद विधानसभा में एक संशोधन भी पेश किया गया था।