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Friday, November 22, 2024

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कैश फॉर जॉब केस में बड़ी कार्रवाई, पूर्व एपीएससी अध्यक्ष को विशेष अदालत ने सुनाई 14 साल की सजा

असम में कृषि विकास अधिकारियों की भर्ती से जुड़े नकद-से-नौकरी मामले में विशेष न्यायाधीश दीपांकर ठाकुरिया ने अपने आदेश में कहा कि एपीएससी के दो अन्य पूर्व सदस्यों – बसंत कुमार डोले और समेदुर रहमान को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई, जबकि 29 अन्य को चार साल की जेल की सजा काटनी होगी।

राकेश कुमार पॉल और दो पूर्व सदस्यों को धोखाधड़ी के एक मामले में सात साल, जालसाजी के लिए सात साल और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कई धाराओं के तहत दर्ज मामलों के लिए 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। राकेश कुमार पॉल के मामले में सजा लगातार चलेगी, लेकिन सीआरपीसी के अनुसार ऐसे मामले में दोषी व्यक्ति अधिकतम 14 साल जेल में रह सकता है, इसलिए उसे 14 साल की सजा काटनी होगी। हालांकि बसंत कुमार डोले और समेदुर रहमान के मामले में सजा एक साथ चलेगी और वे 10 साल जेल में रहेंगे। बता दें कि राकेश कुमार पॉल, बसंत कुमार डोले और समेदुर रहमान और अन्य अधिकारियों को एडीओ भर्ती परीक्षा में शामिल उम्मीदवारों के अंकों में हेराफेरी करने के मामले में दोषी ठहराया गया था।

इस तरह से हुआ था पूरे मामले का खुलासा
दरअसल इस परीक्षा में पास न होने वाले एक उम्मीदवार ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि वित्तीय लेनदेन के एवज में दूसरे उम्मीदवार के अंक बढ़ाए गए थे।

न्यायाधीश ने कहा- पॉल को दी जानी चाहिए अधिकतम सजा
इस मामले में न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि राकेश कुमार पॉल एक संवैधानिक पद पर थे और उनसे आयोग के अन्य सदस्यों को कई सरकारी पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों की भर्ती करने के लिए मार्गदर्शन करने की अपेक्षा की गई थी, लेकिन वे ऐसा करने में विफल रहे और उनके नेतृत्व में अयोग्य उम्मीदवारों को एडीओ के पदों पर चुना गया, जिससे योग्य उम्मीदवार वंचित रह गए। विशेष न्यायाधीश ने कहा कि राकेश कुमार पॉल को कानून के तहत अधिकतम सजा दी जानी चाहिए, क्योंकि उन्होंने इस मामले में शामिल अवैध और भ्रष्ट कृत्यों की पूरी श्रृंखला को अंजाम दिया है। न्यायाधीश ने आगे कहा कि मामले को देखते हुए और पूर्व एपीएससी अध्यक्ष की तरफ से किए गए अपराधों की प्रकृति की गंभीरता को देखते हुए, उन्हें दी गई सजाएं एक साथ नहीं बल्कि क्रमिक रूप से चलनी चाहिए।

ठाकुरिया ने कहा- हालांकि, सीआरपीसी के प्रावधानों के अनुसार, जिसमें कहा गया है कि किसी भी मामले में ऐसे व्यक्ति को 14 साल से अधिक अवधि के कारावास की सजा नहीं दी जानी चाहिए, हालांकि पूर्व एपीएससी अध्यक्ष को लगातार सजा सुनाई गई है, लेकिन वह 14 साल तक जेल में रहेगा।

सभी 29 दोषियों को चार साल की कठोर कारावास
बाकी 29 दोषी जो सभी एडीओ अधिकारियों के रूप में भर्ती हुए थे, उनको चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश ने कहा कि मामले में दोषी ठहराए गए लोगों की तरफ पहले से काटी गई कारावास की अवधि को कानून के अनुसार अलग रखा जाएगा। बता दें कि इस मामले में राकेश कुमार पॉल पांच साल और सात महीने से न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि बसंत कुमार डोले दो साल और नौ महीने से, समेदुर रहमान दो साल और दो महीने से और अन्य 22 जुलाई से न्यायिक हिरासत में हैं, जब उन्हें दोषी ठहराया गया था।

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