चेन्नई। महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शताब्दी पर जारी किए गए विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्के का कड़ा विरोध किया। उन्होंने इस निर्णय को “शर्मनाक और दयनीय” करार दिया और कहा कि यह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और गांधीजी की विचारधारा के साथ विश्वासघात है।
आरएसएस पर तीखा प्रहार
स्टालिन ने कहा कि जिस संगठन की विचारधारा ने गांधीजी के हत्यारे की सोच को जन्म दिया, उसी संगठन को आजादी के भारत में सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार किस संदेश को देश और दुनिया के सामने रखना चाहती है।
गांधीजी को श्रद्धांजलि
चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम स्टालिन ने गांधीजी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जिसकी नींव महात्मा गांधी ने रखी थी। स्टालिन ने कहा, “गांधीजी वह शक्ति हैं जो हमें नफरत और विभाजन की ताकतों से लड़ने की प्रेरणा देती रहेंगी।”
प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने लिखा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की बागडोर संभालने वाला व्यक्ति आरएसएस की शताब्दी पर डाक टिकट और सिक्का जारी कर रहा है। यह वही संगठन है जिसने उस सांप्रदायिक सोच को बढ़ावा दिया, जिसके कारण राष्ट्रपिता की हत्या हुई।”
स्मारक सिक्के की झलक
प्रधानमंत्री मोदी ने गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया। इस सिक्के पर भारत माता की भव्य छवि और उनके पास स्थित सिंह अंकित है। एक ओर राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक स्तंभ) बना है, जबकि दूसरी ओर आरएसएस स्वयंसेवक भारत माता को नमन करते दिखाई दे रहे हैं।
नागरिकों से अपील
मुख्यमंत्री स्टालिन ने नागरिकों से अपील की कि गांधी जयंती के दिन यह संकल्प लें कि देश को नफरत की राजनीति और विभाजनकारी ताकतों से बचाएंगे। उन्होंने कहा, “यह प्रतिज्ञा हम सबको गांधीजी के जन्मदिवस पर लेनी चाहिए ताकि उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए राष्ट्र को एकजुट रखा जा सके।”