बॉम्बे हाईकोर्ट ने गोवा कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोड़नकर की याचिका पर दिये गए फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को गुरुवार को स्थगित कर दिया है। इस फैसले में गोवा विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को मान्यता दी गई थी, जिसके अनुसार भाजपा में शामिल हुए 10 विधायकों को अयोग्य ठहराया गया था। सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन शामिल थे, ने मामले को विचार करते हुए इसे गैर-विविध दिनों मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को सुनने का निर्णय लिया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ ने 24 फरवरी, 2022 को स्पीकर के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता गिरीश चोड़नकर और एमजीपी के एक विधायक द्वारा दायर की गई दो याचिकाओं को खारिज कर दिया था। जहां 10 कांग्रेस विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे, वहीं एमजीपी के दो विधायकों ने भी भाजपा की ओर रुख किया था। स्पीकर के पक्ष से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एम नटराज ने तर्क दिया कि यह मुद्दा अब केवल शैक्षिक चर्चा तक ही सीमित है, क्योंकि उन विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग 2017 में की गई थी, जब उन्हें चुना गया था। गोवा में पिछले विधानसभा चुनाव 2022 में हुआ था।
उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में गिरीश चोड़नकर ने कहा है कि उच्च न्यायालय ने स्पीकर राजेश पाटनकर के आदेश को बरकरार रखने में गंभीर गलती की है क्योंकि 10 विधायक विधायक दल के दो-तिहाई सदस्य थे और उन्होंने दूसरे के साथ विलय करने का फैसला किया था।