महाराष्ट्र में इस महीने विधानसभा चुनाव होने वाला है। यह शिवसेना (यूबीटी) सचिव वरुण सरदेसाई का पहला विधानसभा चुनाव है। इस चुनाव को लेकर उन्हें भरोसा है कि वह बड़े अंतर से जीत हासिल करेंगे। उन्हें लगता है कि लोग पार्टी के समर्थकों को चुनने के बजाय एक शिक्षित उम्मीदवार को चुनेंगे। एक साक्षात्कार में शिवसेना(यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे के मौसेरे भाई वरुण सरदेसाई ने बताया कि वह लोगों के सामने विकास का अपना नजरिया पेश करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह फिलहाल अपने प्रतिद्वंद्वियों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
दल बदलू विधायकों पर की टिप्पणी
अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले वरुण सरदेसाई ने दलबदलू विधायकों को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जिन विधायकों ने पाला बदला और अपनी पार्टियों को धोखा दिया, मतदाता उन्हें 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव में सबक सिखाएंगे। बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) ने वरुण सरदेसाई को पूर्वी बांद्रा विधानसभा क्षेत्र से उतारा है। इस क्षेत्र में उनका सामना राकांपा उम्मीदवार और क्षेत्र के मौजूदा विधायक जीशान सिद्दीकी से होने वाला है।
सरदेसाई ने कहा, “लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय चुनाव थे, जहां लोगों ने मोदी सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा निकाला। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी को 48 में से 31 सीटें मिलीं।” पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं देखता कि मेरा प्रतिद्वंद्वी कौन है। मैं केवल लोगों के सामने विकास का अपना नजरिया पेश करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। जीशान सिद्दीकी और तृप्ति सावंत ने पार्टी बदल ली।”
शिवसेना (यूबीटी) ने कहा, “हमारे विधायक यहां से कई बार जीते हैं। 2019 के विधानसभा चुनावों में हमारी पार्टी के उम्मीदवारों ने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा, जिसके कारण वोटों का विभाजन हुआ। इस वजह से जीशान सिद्दीकी वहां से जीत गए। उन्हें जो भी मिला वह कांग्रेस का था, लेकिन अब उनके पाला बदलने से मुसलमान परेशान हो गए। जीशान सिद्दीकी ने हाल ही में कांग्रेस सा साथ छोड़कर राकांपा में शामिल हो गए।”
एमवीए के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद
वरुण सरदेसाई ने बताया कि पूर्वी बांद्रा निर्वाचन क्षेत्र शिवसेना के लिए बहुत महत्व रखता है, क्योंकि इसी क्षेत्र में पार्टी के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का आवास मातोश्री है। यहां अब शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे रहते हैं। उनके अनुसार, कांग्रेस-शिवसेना (यूबीटी) गठबंधन पूर्वी बांद्रा के लिए एक सकारात्मक संकेत हैं। उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में 100 विधायकों ने पाला बदला और अब महाराष्ट्र के लोगों उन्हें पार्टी को धोखा देने के लिए त्यागने वाले हैं। वरुण सरदेसाई ने बताया कि महाराष्ट्र में आवास एक अहम मुद्दा है। यहां की 90 फीसदी आबादी झुग्गियों में रहती है। इसके साथ ही उन्होंने यह विश्वास जताया कि महाविकास अघाड़ी लोकसभा चुनाव से भी बेहतर प्रदर्शन करेगी।
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने बताया कि सीट बंटवारे को लेकर बहस हुई, लेकिन हम सभी एकसाथ हैं। विदर्भ में कांग्रेस अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं राकांपा-एसपी पश्चिमी महाराष्ट्र में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि शिवसेना (यूबीटी) मुंबई और उसके महानगरीय क्षेत्र में सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उनके और आदित्य ठाकरे के चचेरे भाई अमित ठाकरे के चुनावी मैदान पर होने को लेकरसवाल किए जाने पर वरुण ने कहा, मैं सभी को शुभकामनाएं दूंगा। लोकतंत्र में सबी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। लोग इतने समझदार हैं कि सही उम्मीदवार चुन सके। महाविकास अघाड़ी के सीएम चेहरे पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को वरिष्ठ नेताओं द्वारा सुलझाया जाएगा।