लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कुछ सवाल पूछे हैं। कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी को सामाजिक-आर्थिक जनगणना कराने और जाति-आधारित आरक्षण पर 50% की सीमा हटाने के बारे में अब कुछ बोलना चाहिए। उन्हें इस पर चुप्पी तोड़नी चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को जाति जनगणना के सवालों का जवाब देना चाहिए
एक्स पर शुक्रवार को पोस्ट करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नंदुरबार में आज अपने बारे में कई दावे किए। उससे कई सवाल सामने आते हैं लेकिन मैं सिर्फ तीन सवाल पूछना चाहता हूं। एक बात तो सब जानते हैं कि हाशिए पर रहने वाले समुदायों को वास्तविक संख्या सामने आए बिना अधिकार नहीं मिल सकते हैं। पहला सवाल है कि साल 2021 में जनगणना क्यों नहीं हुई। जनगणना हर 10 साल में होती है तो इस बार जनगनणना में तीन साल की देरी क्यों। आप दलितों और आदिवासी समुदायों को उनकी जनसंख्या जानने से क्यों रोक रहे हैं।
इसके बाद उन्होंने दूसरा सवाल पूछा कि क्या प्रधानमंत्री सामाजिक-आर्थिक जनगणना चाहते हैं या नहीं? आपने अभी तक इस विषय पर अपनी चुप्पी क्यों नहीं तोड़ी? 2011 में मनमोहन सरकार ने सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना की। आपने अभी तक जाति को लेकर कोई जानकारी क्यों नहीं दी। 2010 में ससंद के दोनों सदनों में चर्चा के बाद सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना 2011 को मंजूरी दी थी। 1931 की जनगणना के बाद यह पहली जाति-आधारित जनगणना थी।
जानें क्या है तीसरा सवाल
तीसरा सवाल पूछते हुए रमेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी और पिछड़े वर्ग के आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा लगाई है। क्या प्रधानमंत्री इसे हटाएंगे। प्रधानमंत्री जनगणना से क्यों डरते हैं। वे जनगणना से क्यों भाग रहे हैं। पीएम मोदी जल्द ही पद छोड़ने वाले हैं। सत्ता में आने पर कांग्रेस ऐसा करेगी।
वंचित समुदाय के अधिकारों के चौकीदार हैं पीएम
महाराष्ट्र के नंदुरबार में शुक्रवार को पीएम मोदी ने कहा कि वह गरीबी में पले-बढ़े हैं। वह हाशिए पर रहने वाले समुदायों के संघर्ष को समझते हैं। आदिवासियों और वंचित वर्गों की सेवा उनके लिए परिवार के सदस्यों की सेवा करने के समान है। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के शाही परिवार की तरह नहीं हैं। पीएम ने कहा कि वे वंचित समुदाय के अधिकारों के चौकीदार हैं।