संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने रविवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर नए संसद भवन की आलोचना कर देश के लोगों का अपमान करने का आरोप लगाया।
जोशी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, जयराम रमेश, आपकी पार्टी की हरकतों से कोई मूर्ख बनने वाला नहीं है। आपको यह रास नहीं आ रहा है कि हमने अपना लोकतंत्र का मंदिर बनाया है। आपकी पार्टी को रिकॉर्ड समय में बनी विश्व स्तरीय वास्तुकला दिखाई दे रही है और शायद यह आपको याद दिला रही है कि आपकी पार्टी ने अपने शासन के इतने दशकों में भारत के लिए कुछ नहीं किया।
वह एक दिन पहले रमेश की इस आलोचना का जवाब दे रहे थे कि नए संसद भवन की संरचना ने लोकतंत्र और बातचीत की हत्या कर दी है। कांग्रेस नेता ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा था कि इमारत को मोदी मल्टीप्लेक्स या मोदी मैरियट कहा जाना चाहिए। इस पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि विपक्षी दल को इस तरह अपनी हताशा निकालने के बजाय आत्ममंथन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, आपने सत्ता में रहते हुए और अब विपक्ष के रूप में जो किया, वह खोखला है। हमने जो किया वह दुनिया को देखने और सराहना करने के लिए है। जोशी ने कहा, ‘हो सकता है कि आपको अपनी निराशा इस तरह से नहीं निकालनी चाहिए और आत्ममंथन करना चाहिए कि जनता आपको और आपकी तुच्छ राजनीति को क्यों खारिज कर रही है।’
उन्होंने दावा किया कि रमेश ने खुद एक बार कहा था कि नए संसद भवन की सख्त जरूरत है क्योंकि पुराना भवन सिर्फ काम नहीं कर रहा है और पुराना हो चुका है।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने एक वैकल्पिक परिसर का सुझाव देने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति के गठन को मंजूरी दी थी और कई अन्य सांसदों ने भी इसका समर्थन किया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘यह भयावह है कि जयराम रमेश संसद के बारे में बात करके देश के लोगों का अपमान कर रहे हैं। नए भारत की आकांक्षाओं का उपयुक्त प्रतीक नया, भव्य संसद भवन के लिए विपक्ष आंखें क्यों मूंदे हुए है?’
जोशी ने पूछा, ‘आत्मनिर्भर भारत की सफलता इन लोगों को क्यों परेशान करती है?’ उन्होंने कहा कि नए संसद भवन की आवश्यकता के बारे में अतीत में राय व्यक्त करने के बावजूद कुछ लोग हर मुद्दे का राजनीतिकरण क्यों करते हैं।’