राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी) के एक टास्क फोर्स ने डॉक्टरों के वेतन से जुड़ा अहम प्रस्ताव दिया है। परिषद का कहना है कि एम्स दिल्ली में लागू वेतनमान को अपनाने से चिकित्सकों को नौकरी में समानता और संतुष्टि का एहसास कराया जा सकेगा। एनएमसी टास्क फोर्स ने यह भी कहा है कि AIIMS दिल्ली के वेतन के अलावा सेवानिवृत्ति के ढांचे को भी अपनाया जाना चाहिए। मेडिकल छात्रों के कल्याण और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों की समीक्षा के लिए गठित टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में यूजीसी और एआईसीटीई के वेतनमानों का जिक्र करते हुए नीतियों को मानक बनाने की अपील भी की है।
टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा, देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में इंटर्न, पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों, सीनियर रेजीडेंट, सुपर-स्पेशियलिटी छात्रों और मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को एम्स दिल्ली के वेतनमान के मुताबिक भुगतान किया जाना चाहिए। रिपोर्ट में साफ किया गया है कि निजी, सार्वजनिक, राज्य, केंद्रीय, डीम्ड विश्वविद्यालय या किसी अन्य श्रेणी की संस्था होने के आधार पर वेतन में अंतर नहीं होना चाहिए। टास्क फोर्स ने चिकित्सा शिक्षा की उच्चतम गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों की निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी की है।