मद्रास हाईकोर्ट ने चिकित्सा और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा (डीएमएस) के निदेशक को निर्देश दिया है कि वह एक डॉक्टर की पत्नी की याचिका पर विचार करें। डॉक्टर कोविड-19 की पहली लहर के दौरान साल 2020 में महामारी का शिकार हो गया था। महिला ने अनुकंपा के आधार पर उपयुक्त नौकरी प्रदान करने के लिए याचिका दाखिल की है।
जस्टिस अब्दुल कुद्धोसे ने हाल ही में वीआर दिव्या की एक रिट याचिका का निस्तारण करते हुए यह निर्देश दिया। दिव्या ने कंप्यूटर साइंस से बीई की पढ़ाई की है। जज ने कहा, यदि वरिष्ठ अधिकारियों के पास आवेदन किए जाने के बाद उसकी शिकायत का निवारण नहीं किया जाता है, तो उसे एक बार फिर इस अदालत में आने की अनुमति दी जाती है। यदि अधिकारी इस अदालत के समक्ष अपने वचन का पालन करने विफल रहते हैं तो आवेदन प्राप्त होने पर उसे एक उपयुक्त नौकरी दी जाएगी।
याचिकाकर्ता दिव्या के पति एक डॉक्टर थे। नवंबर 2020 में कोविड ड्यूटी के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। दिव्या ने जनवरी 2021 में अनुकंपा के आधार पर नौकरी को लेकर उन्होंने एक संबंधित प्राधिकारी को आवेदन दिया था। लेकिन दिव्या के अनुरोध पर आजतक विचार नहीं किया गया। इसके बाद उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
वहीं, संबंधित प्राधिकारी की ओर से एक जवाबी हलफलनामा दायर किया गया। इसमें कहा गया कि जब भी वरिष्ठता के आधार पर याचिकाकर्ता का आवेदन प्राप्त होगा, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए उनके अनुरोध पर विचार किया जाएगा।