सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही दिल्ली नगर निगम में एल्डरमैन को नियुक्त करने की याचिका पर फैसला सुनाया जा सकता है। सर्वोच्च अदालत ने इस बात के संकेत भी दे दिए हैं। दरअसल, शीर्ष अदालत में दिल्ली सरकार ने याचिका दाखिल कर उपराज्यपाल की शक्ति को चुनौती दी थी। इसे लेकर सोमवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिका पर जल्द ही सुनवाई हो सकती है और फैसला लिया जा सकता है।
बीते वर्ष 17 मई को अदालत ने दिल्ली सरकार की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख दिया था। दिल्ली सरकार ने उस दौरान उपराज्यपाल ने मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह के बिना सदस्यों को नामित करने का फैसला लिया था। शीर्ष अदालत में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पादरीवाला और न्यामूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एमसीडी की महापौर शेली ओबेरॉय की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान एक खास बात बताई। अदालत ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में पौर प्रमुख को नियुक्त करने की याचिका पर सुनवाई हो सकती है।
शेली ओबेरॉय ने याचिका में क्या मांग की?
शेली ओबेरॉय ने अपनी याचिका में मांग की है कि नगर निगम को अपनी स्थायी समिति के कार्यों का प्रयोग करने की अनुमति दी जाए। महापौर की तरफ से अदालत में पेश हुए वकील अभिषेक सिंघवी से अदालत ने कहा कि शुक्रवार तक का इंतजार कीजिए। अदालत ने आगे कहा कि शुक्रवार तक इस मामले में फैसला सुनाया जा सकता है।
क्या है पूरा मामला?
17 मई, 2023 को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली सरकार द्वारा दायर एक अलग याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिका में एल्डरमेन को नामित करने की उपराज्यपाल की शक्ति को चुनौती दी गई थी। बता दें दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में 250 निर्वाचित और 10 नामांकित सदस्य हैं। दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया था कि उपराज्यपाल ने उसकी सहायता और सलाह के बिना 10 सदस्यों को नामित किया था।