हम सभी जानते हैं कि सोशल मीडिया का कुछ लोग अपना एजेंडा चलाने और फेक खबरों को चलाने के लिए करते हैं। हालांकि सरकार इस पर कड़ा एक्शन लेती है। लेकिन इस पर पूरी तरह से लगाम नहीं लगी है। इसको लेकर ट्विटर की कार्यशैली पर भी सवाल उठे थे। वहीं इस मामले पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ट्विटर द्वारा दुष्प्रचार करना अब बंद हो गया है और यह भारत में पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर दुष्प्रचार करना अब बंद
उन्होंने कहा कि ‘ट्विटर फाइल्स’ के खुलासे से इस बात के सबूत मिलते हैं कि इस सोशल मीडिया मंच का दुरुपयोग किया जा रहा था और यह अलग-अलग लोगों के खिलाफ भेदभावपूर्ण तरीके से काम कर रहा था। इससे पता चलता है कि मंच न केवल सामग्री को इधर-उधर करने में बल्कि बातचीत को एक रूप देने में भी शामिल था। अब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर दुष्प्रचार करना बंद हो गया है।
भारत सरकार करेगी कार्रवाई
वहीं चंद्रशेखर ने कहा कि ‘ट्विटर फाइल्स’ नामक रिपोर्ट से पता चलता है कि ट्विटर के कर्मचारियों की टीम ‘काली सूची’ तैयार करती थी, नापसंद किए गए ट्वीट्स को ‘ट्रेंड’ होने से से रोकती थी। और ये सभी चीजें गोपनीय रूप से बिना उपयोगकर्ताओं को बताए की जाती थी। बता दें कि इस खुलासे को ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर साझा किया है। मंत्री ने कहा कि इन खुलासों के बाद हम देखेंगे कि क्या कदम उठाने की जरूरत है।