रामपुर के मिलक में रहने वाले मनजोत छाबड़ा (17) ने राजस्थान के कोटा में चेहरे पर प्लास्टिक का बैग लपेटकर आत्महत्या कर ली। कमरे की दीवार पर एक सुसाइड नोट चिपका हुआ मिला, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है।
मनजोत 12वीं कक्षा का टॉपर था और नीट की कोचिंग के लिए वह इस वर्ष अप्रैल में रामपुर जिले के तीन सहपाठियों के साथ कोटा गया था। चारों विज्ञान नगर के एक ही हॉस्टल में अलग-अलग कमरों में रहते थे। बृहस्पतिवार की सुबह मिलक से माता-पिता के फोन करने पर मनजोत की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
उन्होंने इसकी सूचना हॉस्टल केयरटेकर को दी। इसके बाद दरवाजा तोड़ने पर बेड पर उसका शव पड़ा मिला। विज्ञान नगर के सर्किल अधिकारी धर्मवीर सिंह ने कहा, मनजोत के कमरे का सीलिंग फैन एंटी-सुसाइड डिवाइस से लैस था। लिहाजा उसने खुदकुशी के लिए अपने सिर और चेहरे को प्लास्टिक की थैली से ढक लिया और उसके चारों ओर एक कपड़ा बांध लिया।
दम घुटने से उसकी मौत हो गई। इस साल कोटा में किसी कोचिंग छात्र की आत्महत्या का यह 17वां मामला है। 2022 में कोटा में कोचिंग छात्रों द्वारा आत्महत्या के कम से कम 15 मामले दर्ज किए गए थे।
….तो आत्महत्या करने वालों में अगला नंबर मेरा होगा
साथियों ने बताया कि मनजोत एक मेधावी छात्र था और विनोद प्रिय स्वभाव का था। उसने 12वीं कक्षा में 93 प्रतिशत अंक हासिल किए थे और कोचिंग संस्थान में नियमित परीक्षणों में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा था।
जब वे कोटा में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या के बारे में चर्चा करते थे, तो मनजोत अक्सर कहता था कि आत्महत्या करने वालों में अगला नंबर उसका होगा। हालांकि, वे इसे मजाक के रूप में लेते रहे।