बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिडेट को झूठे दावे करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने हिदायत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को विज्ञापनों में अपनी दवाओं के बारे में झूठे दावे के प्रति चेतावनी दी है।
दो न्यायाधीशों की पीठ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, पतंजलि आयुर्वेद के ऐसे सभी झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत रोकना होगा। कोर्ट ऐसे किसी भी उल्लंघन को बहुत गंभीरता से लेगी। शीर्ष अदालत ने आईएमए की याचिका पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आयुष मंत्रालय, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों के बारे में भ्रामक दावे और विज्ञापन न चलाएं। कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए एलोपैथी और एलोपैथिक चिकित्सकों की आलोचना करने के लिए बाबा रामदेव की कड़ी आलोचना की थी।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, अगर दावा गलत साबित होता है तो पीठ प्रत्येक उत्पाद पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने पर भी विचार कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की ओर से पेश वकील से भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों का समाधान ढूंढने को कहा। बता दें पीठ अब आईएमए की याचिका पर अगले वर्ष पांच फरवरी को सुनवाई करेगी।