पश्चिम बंगाल की बीरभूम लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार देबाशीष धर का नामांकन चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा उम्मीदवार ने अपने नामांकन के साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा नहीं किया था। जिसके चलते चुनाव आयोग ने नामांकन रद्द करने की कार्रवाई की। देबासीश धर पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं और बीते महीने ही उन्होंने आईपीएस पद से इस्तीफा दिया था।
साल 2021 में हुए बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी की सरकार ने देबाशीष धर को निलंबित भी किया था। दरअसल साल 2021 में देबाशीष धर कूच बिहार के एसपी थे। वहां सीतलकुची जिले में मतदान के दौरान हुए हंगामे के बाद सुरक्षा बलों की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी। जब ममता सरकार ने चुनाव के बाद कार्यभार संभालते ही देबाशीष धर को निलंबित कर दिया था। बीरभूम सीट पर देबाशीष धर का मुकाबला टीएमसी की शताब्दी रॉय से था, जो यहां से निवर्तमान सांसद हैं। बीरभूम को टीएमसी का गढ़ माना जाता है। हालांकि इस बार टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल के जेल में होने के चलते बीरभूम में टीएमसी के कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद थी। हालांकि भाजपा उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने से भाजपा को यहां बड़ा झटका लगा है।
हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे देबाशीष धर
देबाशीष ने संकेत दिए हैं कि वह इस फैसले को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। देबाशीष धर ने कहा कुछ तकनीकी कारणों से मेरा नामांकन रद्द हुआ है। पार्टी नेताओं से चर्चा के बाद मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के दरवाजे खटखटाऊंगा। धर ने कहा कि निराधार तरीके से उनका नामांकन रद्द हुआ है। देबाशीष धर का नामांकन रद्द होने के बाद भाजपा ने देबतनु भट्टाचार्य को अपना नया उम्मीदवार घोषित किया है और भट्टाचार्य ने नामांकन भी कर दिया है। भट्टाचार्य संघ से जुड़े रहे हैं और पूर्व प्रचारक रहे हैं। नामांकन को लेकर भट्टाचार्य ने कहा कि ‘पार्टी जो भी कहेगी, वो करेंगे।’ बीरभूम लोकसभा सीट पर चौथे चरण में यानी कि 13 मई को मतदान होगा।