बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अपने पहले के आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए दिवाली के दौरान रात आठ बजे से 10 बजे के बीच ही पटाखे फोड़े जा सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने छह नवंबर को महाराष्ट्र में सभी नगर निगमों की सीमा के भीतर शाम सात बजे से रात 10 बजे के बीच तीन घंटे के लिए पटाखे फोड़ने की अनुमति दी थी। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि मुंबई में पटाखे फोड़ने की संख्या में कमी देखी जा रही है।
पीठ ने कहा कि शहर के कुछ महत्वपूर्ण इलाके ऐसे हैं जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खराब बना हुआ है। अदालत ने कहा, हम एक आकस्मिक और कठोर स्थिति में हैं। बहुत सारे प्रयास किए गए हैं, लेकिन शायद कुछ और करने की जरूरत है।
पीठ ने कहा कि वह छह नवंबर के अपने आदेश में संशोधन कर रही है। इसमें कहा गया है, पटाखे फोड़ने का समय रात आठ बजे से रात 10 बजे तक सीमित रहेगा। इसने कहा, मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने अपने छह नवंबर के आदेश में एक अन्य निर्देश में संशोधन करना उचित नहीं समझा जिसमें शहर में मलबे ले जाने वाले वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था लेकिन निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों को पूरी तरह से ढके होने पर चलने की अनुमति दी गई थी।
पीठ ने कहा, ‘छह नवंबर के आदेश के अन्य सभी निर्देश 19 नवंबर तक लागू रहेंगे। अदालत ने कहा कि 19 नवंबर के बाद संबंधित नगर निगम यह तय करेंगे कि एक्यूआई पर विचार करने के बाद मलबा ले जाने वाले वाहनों को अनुमति दी जाए या नहीं। प्रदूषण के स्रोत का भी पता लगाने की जरूरत है और इसके कारणों को समझने के लिए विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन की जरूरत पर जोर दिया।