अमेरिका समेत दुनिया भर में मंदी का सबसे लंबा और बुरा दौर आने वाला है। ये आशंका अर्थशास्त्री नूरील रूबिनी को है। ये वही अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने साल 2008 के आर्थिक संकट की सही भविष्यवाणी की थी। इस मंदी के बाद दुनिया भर के शेयर बाजार क्रैश हो गए थे और बड़े पैमाने पर नौकरियां जाने लगी थीं। अब एक बार फिर नूरील रूबिनी ने मंदी की आहट पहचान ली है।
क्या कहा नूरील रूबिनी ने: रूबिनी का मानना है कि अमेरिका और वैश्विक स्तर पर मंदी की शुरुआत इस साल के अंत में होगी, जो 2023 के आखिर तक चल सकती है। यह एक लंबा वक्त होगा, इस दौरान दुनियाभर की इकोनॉमी तबाही के मंजर देख सकती है।
40% गिरेगा S&P: इसके साथ ही रूबिनी ने अमेरिकी शेयर बाजार के अहम सूचकांक- स्टैंडर्ड एंड पुअर्स 500 (S&P 500) में बड़ी गिरावट की आशंका जताई है। एक इंटरव्यू के दौरान नूरील रूबिनी ने कहा कि एसएंडपी 500 में 30% तक गिरावट आ सकती है। ये गिरावट तेज रही तो इंडेक्स को 40 फीसदी तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
फेड रिजर्व के पास विकल्प की कमी: महंगाई को कंट्रोल करने के लिए अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व की ओर से लगातार ब्याज दरें बढ़ाई जा रही हैं। इस पर नूरील रूबिनी ने कहा कि ऐसा लगता है फेड रिजर्व के बाद दूसरा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि बिना हार्ड लैंडिंग के 2% मुद्रास्फीति दर प्राप्त करना फेडरल रिजर्व के लिए मिशन इम्पॉसिबल लगता है। रूबिनी को उम्मीद है कि फेड रिजर्व नवंबर और दिसंबर में लगातार ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट तक की बढ़ोतरी करने वाला है। रूबिनी को आशंका है कि कई जोंबी संस्थान, बैंक, कॉरपोरेट, शैडो बैंकों का वजूद खत्म हो सकता है।
सरकारों से उम्मीद नहीं: उन्होंने कहा कि दुनिया मंदी की चपेट में है तो सरकारों से राजकोषीय प्रोत्साहन उपायों की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारें पहले से ही अधिक कर्ज में चल रही हैं। रूबिनी इस संकट को 1970 के दशक के हालात की तरह देखते हैं। उनका मानना है कि बड़े पैमाने पर ऋण संकट देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि यह एक छोटी मंदी नहीं होने वाली है। यह गंभीर और लंबे समय तक चलने वाली मंदी होगी।
निवेशकों के लिए सलाह: रूबिनी ने निवेशकों को भी सलाह दी है। उन्होंने कहा कि आपको इक्विटी पर अब ढील देने की जरूरत है। आपके पास अधिक नकदी होनी चाहिए। वह लंबी अवधि के बॉन्ड से दूर रहने और शॉर्ट टर्म ट्रेजरी जैसे इन्फ्लेशन इंडेक्स बॉन्ड में निवेश की सलाह दे रहे हैं। बता दें कि नूरील रूबिनी ने 2007-2008 में आर्थिक मंदी को लेकर सटीक भविष्यवाणी की थी। इस वजह से उन्हें डॉक्टर डूम का नाम दिया गया था।