मणिपुर में पिछले एक साल से जारी जातीय हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार समाज की बेहतरी के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर खुमान लैंपक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर की मौजूदा स्थिति स्वदेशी लोगों और उनके भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। अगर इन चीजों को समझदारी से सुलझा लिया गया तो एक सुरक्षित भविष्य की गारंटी है।
सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा, “हमें राजनीति और भावनाओं को अपने कार्यों पर हावी होने नहीं देना चाहिए। मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने नहीं देना चाहिए। हमें मालूम है कि हम थक गए हैं, लेकिन हमें इसे कुछ थोड़ा और सहना होगा। कठिन दौर से गुजरे बिना हम खुश नहीं रह सकते।”
मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
हाल ही में बुजुर्ग की हत्या पर भड़क गई थी हिंसा
मणिपुर के जिरीबाम में हाल ही में उग्रवादियों द्वारा एक 59 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। पीड़ित गुरुवार को सुबह अपने खेत पर गया था, जहां से वह लापता हो गया। बाद में उसका शव बरामद किया गया। स्थानीय लोगों ने हत्या के बाद जिरिबाम थाने के बाहर विरोध जताया और मांग की कि चुनाव के मद्देनजर उनसे लिये गए लाइसेंसी हथियार अब उन्हें लौटा दिए जाएं। मणिपुर में पिछले साल से मई से जारी हिंसा से अब तक जिरिबाम अप्रभावित रहा है। यहां भी मेइती, मुस्लिम, नागा, कुकी और गैर-मणिपुरी लोग रहते हैं।