केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल से मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का खतरा बढ़ सकता है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की मीटिंग में सीतारमण ने कहा कि बोर्ड के सभी देशों के लिए सबसे बड़ा जोखिम मनी लॉन्ड्रिंग का पहलू होगा और ऐसी मुद्रा का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया जा रहा है।
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उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि प्रौद्योगिकी का उपयोग करके विनियमन ही एकमात्र उत्तर है। प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाले विनियमन को इतना कुशल होना होगा कि वह वक्र के पीछे न हो, लेकिन सुनिश्चित करें कि यह इसके शीर्ष पर है और यह संभव नहीं है अगर कोई एक देश सोचता है कि वह इसे संभाल सकता है। यह बोर्ड भर में होना चाहिए।
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सीतारमण ने डिजिटल दुनिया में भारत के प्रदर्शन और पिछले एक दशक में डिजिटल बुनियादी ढांचे के ढांचे के निर्माण के लिए सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
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इस दौरान उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत में डिजिटल अपनाने की दर में वृद्धि पर भी जोर दिया। अपनी बात को जारी रखते हुए सीतारमण ने कहा, “अगर मैं 2019 डेटा का उपयोग करती हूं, तो भारत में डिजिटल अपनाने की दर लगभग 85 फीसदी है। लेकिन विश्व स्तर पर यह उसी वर्ष केवल 64 फीसदी के करीब था। इसलिए महामारी के समय ने वास्तव में हमें परीक्षण करने और खुद को साबित करने में मदद की कि यह आसान है उपयोग, आम लोग इसका उपयोग कर सकते हैं और गोद लेना वास्तव में सिद्ध हो गया था।”