मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि वह मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ अकोला जिले के एक पुलिस स्टेशन में एट्रोसिटी एक्ट के तहत दर्ज कराई गई प्राथमिकी के संबंध में 20 मई तक उनको गिरफ्तार नहीं करेगी। मामले की अगली सुनवाई 20 मई को होगी।
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महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट में कहा
आकोला जिले के सिटी कोतवाली पुलिस स्टेशन में 30 अप्रैल, 2021 को परमबीर सिंह सहित 27 अन्य पुलिसकर्मियों के विरुद्ध पुलिस अधिकारी भीमराव घाडगे ने झूठे मामले में फंसाने का मामला एट्रोसिटी एक्ट के तहत दर्ज करवाया है। परमबीर सिंह 2015 में आकोला जिले के पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात थे। भीमराव घाडगे ने अपनी शिकायत में कहा है कि परमबीर सिंह ने उनकी बात न मानने और उनके भ्रष्टाचार में शामिल न होने पर उन पर झूठा मामला दर्ज करवाया था।
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इसी मामले को रद्द कराने के लिए परमबीर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई गुरुवार को जस्टिस पीबी बराले और जस्टिस एनआर बोरकर की बेंच ने की। बेंच ने याचिकाकर्ता को मामला देरी से संज्ञान में लाए जाने पर फटकार भी लगाई।
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बेंच ने कहा कि यह घटना 2015 में हुई और शिकायत 2021 में दर्ज कराई गई। शिकायतकर्ता को शिकायत दर्ज करवाने में छह साल लग गए। राज्य सरकार के वकील डी खंबाटा ने कोर्ट को बताया कि इस मामले की जांच पुलिस कर रही है। इसलिए पुलिस परमबीर सिंह को 20 मई तक गिरफ्तार नहीं करेगी। वकील खंबाटा ने परमबीर सिंह की ओर से दायर याचिका का जवाब भी दिया।