दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बताया कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा क्यों दिया। केजरीवाल ने ‘जनता की अदालत’ में कहा, “मैंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि मैं भ्रष्टाचार करने या पैसा कमाने नहीं आया था। मैं देश की राजनीति बदलने आया था।” आप नेता ने कहा , “वकीलों ने कहा कि यह केस दस साल तक चल सकता है।
मैं इस दाग के साथ नहीं जी सकता। इसलिए मैंने सोचा कि मैं जनता की अदालत में जाऊंगा।” उन्होंने कहा, “अगर मैं बेईमान होता, तो मुफ्त बिजली के लिए तीन हजार करोड़ रुपये का गबन कर लेता, महिलाओं के लिए किराया मुफ्त नहीं करता, बच्चों के लिए स्कूल नहीं बनवाता… 22 राज्यों में उनकी सरकार है, कहीं भी बिजली मुफ्त नहीं है, कहीं भी महिलाओं के लिए किराया मुफ्त नहीं है, फिर चोर कौन है… मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि केजरीवाल चोर है या केजरीवाल को जेल भेजने वाले चोर हैं?…” यह आप की आतिशी द्वारा शनिवार को फरवरी 2025 तक राष्ट्रीय राजधानी का नेतृत्व करने की शपथ लेने के बाद आया है , जब इस सरकार का कार्यकाल समाप्त होने वाला है।
लेफ्टिनेंट जनरल वीके सक्सेना ने आतिशी को उनके नए मंत्रियों की टीम के साथ शपथ दिलाई जिसमें वरिष्ठ नेता गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और एक नए चेहरे मुकेश अहलावत शामिल हैं। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद मंगलवार को आप विधायक दल की बैठक के दौरान आतिशी को सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया, जिसने दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया।