मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, संसद में बहुमत रखने वाला प्रमुख विपक्षी दल एमडीपी उनके खिलफ महाभियोग चलाने की तैयारी में है। इसके लिए वह प्रस्ताव पेश करने की योजना बना रहा है। सोमवार को स्थानीय मीडिया की खबर में यह जानकारी दी गई।
राष्ट्रपति मुइज्जू के मंत्रिमंडल में चार सदस्यों की मंजूरी को लेकर रविवार को सरकार समर्थक सांसदों और विपक्षी सदस्यों के बीच झड़प हो गई थी। उसके एक दिन बाद यह घटनाक्रम सामने आाया है।
मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और डेमोक्रेट के सांसदों ने मतदान से पहले राष्ट्रपति के मंत्रिमंडल में चार सदस्यों की मंजूरी को रोकने का फैसला किया। इसके बाद सत्तारूढ़ प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनएसी) के सरकार समर्थक सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया और संसदीय बैठक में बाधा डाली।
एमडीपी के एक सांसद ने बताया कि उनकी पार्टी ने डेमोक्रेट के साथ मिलकर महाभियोग प्रस्ताव के लिए पर्याप्त हस्ताक्षर एकत्र कर लिए हैं। हालांकि, इन हस्ताक्षरों को अभी पेश नहीं किया गया है।
स्थानीय मीडिया की खबर के मुताबिक, एमडीपी के संसदीय समूह की सोमवार बैठक हुई। इस दौरान सर्वसम्मति से महाभियोग प्रस्ताव पेश करने का फैसला किया गया। मुइज्जू ने पिछले साल सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में इब्राहिम सोलिह को हराया था।
इसके बाद सत्रह नवंबर को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। शपथ लेने के तुरंत बाद उन्होंने भारत से पंद्रह मार्च तक उनके देश से 88 सैनिकों को वापस बुलाने का अनुरोध किया था। इसके साथ मुइज्जू ने कहा था कि जनता ने उन्हें भारत से यह अनुरोध करने के लिए मजबूत जनादेश दिया है। मुइज्जू को चीन समर्थक नेता माना जाता है।
माले की संसद में कुल 87 सदस्य हैं। संसद ने हाल ही में महाभियोग प्रस्ताव को आसानी से सौंपने के लिए अपने स्थायी आदेशों में संशोधन किया था। एमडीपी डेमोक्रेट के मिलाकर 56 सांसद हैं। इनमें 43 सांसद एमडीपी और 13 डेमोक्रेट के हैं। संविधान और संसद के स्थायी आदेशों के मुताबिक, 56 मतों के साथ राष्ट्रपति के खिलाफ लगाया जा सकता है।