महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने एक फैसला लिया है, जो एनसीपी के मुखिया शरद पवार को अखर सकता है। शरद पवार के गढ़ कहे जाने वाले बारामती क्षेत्र से एकनाथ शिंदे ने तेंदुआ सफारी परियोजना को वापस लेने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि इस प्रोजेक्ट को जुन्नार तालुका में ही स्थापित किया जाएगा, जो पहले ही तय किया गया था। दरअसल अजीत पवार जब उद्धव ठाकरे सरकार में डिप्टी सीएम थे तो उन्होंने इसे बारामती में स्थानांतरिक करने का फैसला लिया था। पहले इस योजनाको जुन्नार तालिका में ही लगाने का प्रस्ताव था, लेकिन अजीत पवार के दौर में इसे ट्रांसफर कर दिया गया था।
लेकिन मुख्यमंत्री शिंदे ने अब इस परियोजना के प्रस्ताव को रद्द कर दिया है और कहा है कि यह परियोजना जुन्नार तालुका के अंबेगवां में की जाएगी। इस फैसले की जानकारी मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर दी है। राज्य में सरकार के सत्ता में आते ही शिंदे-फडणवीस सरकार महा विकास अघाड़ी सरकार द्वारा लिए गए विभिन्न फैसलों को रद्द करने की कोशिश कर रही है। इस बीच मुख्यमंत्री ने अजीत पवार के एक और फैसले को रद्द कर एनसीपी को झटका दिया है। कहा जाता है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह फैसला कर एक तीर से दो शिकार करने की नीति के तहत लिया है।
शिंदे गुट में शामिल हुए पूर्व विधायक शरद सोनवणे की मांग सफल हो गई है। गौरतलब है कि बारामती शरद पवार फैमिली का गढ़ रहा है। यहां से उनकी बेटी सुप्रिया सुले सांसद हैं और भाजपा उन्हें घेरने की कोशिश कर रही है। बारामती से प्रोजेक्ट वापस लेने पर अब तक एनसीपी का कोई रिएक्शन नहीं आया है, लेकिन पवार फैमिली को यह बात अखरने वाली है। गौरतलब है कि वेदांता-फॉक्सकॉन की साझा परियोजना को महाराष्ट्र की बजाय गुजरात ले जाने पर शरद पवार ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों को गुब्बारा देकर बहलाने की तरह एकनाथ शिंदे को भी फुसला दिया है।