श्रीलंका में आर्थिक संकट के लिए राष्ट्रपति गोटबया राजपक्षे ने स्वीकार किया है कि उन्होंने गलतियां कीं. राष्ट्रपति ने अपनी गलतियों को सुधारने का संकल्प भी किया है.
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राजपक्षे ने सोमवार को 17 मंत्रियों की नई कैबिनेट का गठन किया, जिसमें उनके भाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, उनके परिवार की ओर से एकमात्र सदस्य हैं.
इससे पहले उच्च पदों पर बैठे परिवार के सदस्यों की संख्या 7 थी. राष्ट्रपति ने नई कैबिनेट के समक्ष अपनी गलती स्वीकारी की है. गोटबया राजपक्षे ने कहा, पिछले ढाई साल में हमने कई चुनौतियों का सामना किया है. कोविड-19, ऋण का बोझ और कुछ गलतियां हमारी रहीं.
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उन्होंने कहा, उन्हें सुधारे जाने की आवश्यकता है. हमें उन्हें सुधारना होगा और आगे बढ़ना होगा. हमें लोगों का भरोसा पुन: जीतना होगा. गोटबया राजपक्षे ने कहा कि उन्हें 2020 में रासायनिक उर्वरकों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर अफसोस है, जिसके कारण देश में खाद्य उत्पादन में भारी गिरावट आई और देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. उन्होंने कहा कि उनका फैसला एक गलती थी और अब सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं.
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राजपक्षे ने 2020 के मध्य में जैविक उर्वरक के साथ हरित कृषि नीति लागू करने के लिए उर्वरकों के आयात और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था. राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उनकी सरकार को राहत के लिए बहुत पहले ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) जाना चाहिए था और आईएमएफ नहीं जाना गलती थी. आईएमएफ की वार्षिक बैठक इस सप्ताह वाशिंगटन में हो रही है. श्रीलंका के वित्त मंत्री अली सेबरी और अन्य अधिकारी इसके लिए रवाना हो गए हैं.